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बांग्लादेशी किताब पर बनेगी बॉलीवुड फिल्म

४ फ़रवरी २०१२

1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश को मिली आजादी पर लिखी एक किताब अब बॉलीवुड फिल्म बन कर सामने आएगी. अनिशुल हक की किताब "मां" को अब मुंबई के निर्माता गंभीरता से ले रहे हैं.

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तस्वीर: AP

हक की किताब एक महिला शाफिया की कहानी है, जिसका एक बेटा है. शाफिया अपने बेटे मगफर अहमद चौधरी उर्फ आजाद और अपने पति के साथ रहती है. लेकिन एक दिन, जब शाफिया को अपने पति की बेवफाई के सबूत मिलते हैं, वह अपने बेटे के साथ घर छोड़ देती है और अलग रहने लगती है. शाफिया आजाद को खुद कमाकर बढ़ा करती है, लेकिन आजाद अय्याशी के लिए अपने अमीर बाप से पैसे लेता रहता है.

पाकिस्तान से लड़ाई शुरू होने तक आजाद बड़ा हो जाता है और ढाका के विश्वविद्यालय में पढ़ने लगता है. लेकिन पाकिस्तानी सेना उसे पकड़ लेती है और उसे बुरी तरह मार दिया जाता है. बेटे के शव की तलाश में मां अपना जीवन बिता देती है. उसका बेटा उसे कभी नहीं मिलता और वह बेसहारा और गरीब हो कर मर जाती है.

Bangladesch völkerrechtlich unabhängig von Pakistan
तस्वीर: AP

किताब प्रकाशित करने वाली कंपनी पैलिंपसेस्ट का कहना है कि वह किताब के अंग्रेजी अनुवाद पर आधारित एक बॉलीवुड फिल्म बनाना चाहते हैं. अंग्रेजी में किताब को 'फ्रीडम्स मदर' नाम दिया गया है. बांग्ला से इसका अनुवाद फाल्गुनी राय ने किया है और किताब को पिछले साल बांग्लादेश की आजादी के 40 साल होने के अवसर पर प्रकाशित हुई.

पैलिंपसेस्ट के प्रमुख भास्कर राय का कहना है कि किताब से बहुत अच्छी फिल्म बनाई जा सकती है क्योंकि इसमें बांग्लादेश ही नहीं, बल्कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप की कहानी है. राय का कहना है कि आजाद कानपुर में पैदा हुआ था और कराची विश्वविद्यालय में भी उसने पढ़ाई की थी, इसलिए यह भारत और पाकिस्तान, दोनों ही देशों के लिए दिलचस्प हो सकता है. राय के मुताबिक उनकी कंपनी मुंबई में तीन चार फिल्म निर्माताओं से बात कर रही है.

रिपोर्टः पीटीआई/एमजी

संपादनः ओ सिंह