बलात्कार पर मंत्री के बयान से विवाद
६ जून २०१४बाबूलाल गौर फिलहाल मध्य प्रदेश के गृह मंत्री हैं. बलात्कार के बारे में गौर का विचार है, "यह एक सामाजिक अपराध है, जो मर्दों और महिलाओं दोनों पर निर्भर है. कभी यह सही होता है, कभी यह गलत होता है."
पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में कटरा सआदतगंज में 12 और 14 साल की दो दलित बच्चियों के साथ बलात्कार कर उनकी हत्या कर दी गई. उनके साथ उस वक्त बलात्कार किया गया, जब वे टॉयलेट के लिए घर से बाहर गई थीं. इस दौरान उनके घरवालों ने थाने में शिकायत भी की लेकिन उनकी बात सुनी नहीं गई. अगले दिन दोनों बच्चियों के शव गांव के एक पेड़ से लटके मिले थे.
आड़े हाथों लिए गए गौर
कांग्रेस की महिला प्रवक्ता शोभा ओजा ने इस पर प्रतिक्रिया दी, "गौर ने कहा है कि महिलाओं को जूडो कराटे सीखना चाहिए और यह कि रेपिस्ट बोल कर नहीं जाता. वह साफ तौर पर उनकी असंवेदनशीलता को दिखाता है. और वह बता रहे हैं कि महिला अत्याचार को लेकर मध्य प्रदेश सरकार कितनी असंवेदनशील है." शोभा ओजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सवाल किया कि वह इस मुद्दे पर क्या कर रहे हैं, जब भारत में लगातार बलात्कार की घटनाएं सामने आ रही हैं.
चौरासी साल के बाबूलाल गौर पिछले दशक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और अभी गृह मंत्री के तौर पर राज्य की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी उन्हीं पर है. उन्होंने कटरा सआदतगंज में पिछले हफ्ते की घटना के बारे में यूपी सरकार का भी बचाव किया, "इसमें कोई सरकार क्या कर सकती है. कोई बलात्कारी बता कर तो नहीं जाता." उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना के बाद सवाल पूछे जाने पर एक रिपोर्टर को कहा था, "आप तो सुरक्षित हैं न." उनके पिता और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव पिछले दिनों चुनाव प्रचार के दौरान बलात्कार पर सख्ती के मुद्दे पर कह चुके हैं, "लड़के तो लड़के हैं, गलती करेंगे. क्या इसके लिए उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया जाए."
पद छोड़ने की मांग
ओजा ने उत्तर प्रदेश सरकार पर भी निशाना लगाया, "जिस तरह से हाल के दिनों में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और बलात्कार तथा गैंग रेप की घटनाएं बढ़ी हैं, और इसके बाद जिस तरह से कुछ नेताओं ने इस पर गैर जिम्मेदाराना बयान दिए हैं, वह शर्मनाक है."
ओजा ने कहा, "चाहे गौर हों या अखिलेश, जो भी ऐसे बयान देता है, यह निंदनीय है. इस तरह के लोगों के मुख्यमंत्री या गृह मंत्री के पद पर बने रहने का क्या मतलब है. उन्हें पद छोड़ देना चाहिए और यह पद उन लोगों को देना चाहिए, जो जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं."
रेप कैपिटल भारत
इस बीच महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी इस मुद्दे पर बहस छेड़ दी है. भारत की प्रमुख महिला कार्यकर्ता रंजना कुमारी का कहना है, "जो भी पॉलिटिकल क्लास है, उसको संजीदगी से बैठ कर सोचना चाहिए कि आखिर लड़कियां हर घर में हैं, तो उन्हें क्या करना है. अगर इसी तरह से चलाना है देश को कि केन्या में भारत को रेप कैपिटल कहा जा रहा है, ये कोई हमारे लिए इज्जत की बात है?"
इसके बाद गौर के बयान से मामला और उछला है. फिल्मकार अमित मेहरा ने बीजेपी पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया, "बाबूलाल गौर के प्रोफाइल पर जाइए. देखिए क्या कोई बीजेपी का ट्विटर हैंडल इसका विरोध कर रहा है. बीजेपी की महिला समर्थकों का क्या कहना है. इससे आपको क्या समझ आता है."
एजेए/एमजे (एएफपी, पीटीआई)