बर्लिन में दोहराया कोलोन जैसा यौन उत्पीड़न कांड
१६ मई २०१६जर्मन पुलिस ने यौन दुर्व्यवहार और लूट के आरोपों के चलते तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. 17 और 18 साल की दो युवा लड़कियों ने बर्लिन के 'कार्निवाल डेय कुल्टुअरेन' के दौरान युवा लड़कों के एक समूह द्वारा यौन उत्पीड़न किये जाने का आरोप लगाया है. लड़कियों ने बताया है कि उनके साथ शारीरिक छेड़छाड़ के अलावा लूटपाट भी हुई. इस घटना ने नए साल की पूर्व संध्या पर जर्मन शहर कोलोन में हुए यौन हमले की यादें ताजा कर दी हैं.
यह दोनों महिलाएं जर्मन राजधानी बर्लिन के मशहूर रंगबिरंगे स्ट्रीट फेस्टिवल में शिरकत कर रही थीं. शनिवार की रात क्रॉइत्सबर्ग जिले में बने एक खुले मंच के सामने और कई लोगों के साथ ये दोनों लड़कियां भी डांस कर रही थीं. बर्लिन पुलिस ने बताया है कि करीब 10 युवा पुरुषों के एक समूह ने इन लड़िकयों को घेर लिया, उन्हें गलत तरीके से छुआ और धर पकड़ की.
जब-जब लड़कियों ने उन लड़कों के घेरे से निकलने की कोशिश की, उन्हें वापस अन्दर धक्का दिया गया. इसी दौरान एक आदमी ने 17 वर्षीया पीड़िता का मोबाइल फोन उसके जैकेट से चुरा लिया.
वहीं पास में मौजूद एक 27 वर्षीय व्यक्ति ने यह सब होता देख इसका वीडियो बनाना शुरु कर दिया. तब तक एक लड़की डर कर जमीन पर बैठ गई थी. वीडियो रिकॉर्डिंग होते देख इस आक्रामक समूह के एक आदमी के उस 27 वर्षीय व्यक्ति को भी डरा कर आगे बढ़ने को कहा. इस के थोड़ी देर बाद पुलिस वहां पहुंच गई और आक्रमण करने वाले तीन युवाओं को मौका ए वारदात से गिरफ्तार कर लिया. इनकी उम्र 14 से 17 साल के बीच बताई जा रही है. पुलिस ने उनके पास से चोरी किया फोन भी बरामद किया और पीड़िता को लौटा दिया.
बर्लिन पुलिस ने ट्वीट करके बताया है कि पकड़े गए इन तीन युवाओं के बारे में पुलिस को पहले से भी जानकारी थी. इनमें से दो तुर्क मूल के बताए गए हैं जबकि तीसरे की पहचान नहीं बताई गई. पुलिस ने ऐसे किसी और मामले के शिकार बने लोगों से सामने आकर उसके बारे में जानकारी देने की अपील की है.
31 दिसंबर 2015 की रात कोलोन में भी लगभग इसी तरीके से भीड़ ने महिलाओं को घेर कर उनके साथ यौन दुर्व्यवहार और लूटपाट की थी. कोलोन मामले की चर्चा देश विदेश में हुई थी क्योंकि महिलाओं के लिए अपेक्षाकृत सुरक्षित समझे जाने वाले एक यूरोपीय देश में इतनी बड़ी घटना से लोगों को हैरानी थी. इसके अलावा उस घटना का आरोप मुख्य रूप से शरणार्थियों और विदेश मूल के लोगों पर लगा था, जिससे शरणार्थी संकट पर हो रही चर्चा की दिशा ही बदल गई.
बर्लिन में होने वाले "कार्निवाल ऑफ कल्चर्स" के चार दिन के दौरान राजधानी में अलग अलग संस्कृतियों का जश्न मनाया जाता है. इस फेस्टिवल के आखिरी दिन रविवार को सड़क पर परेड होती है. परेड के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए 800 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे. फिर भी कोलोन जैसी घटना की पुनरावृत्ति होने से प्रशासन समेत आम जनता सकते में है.
आरपी/वीके (एएफपी,डीपीए)