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बर्लिन में आज मिलेंगे मैर्केल और सारकोजी

९ अक्टूबर २०११

आईएमएफ की निदेशक क्रिस्टीन लगार्द ने शनिवार को पैरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी से मुलाकात की. आज सारकोजी जर्मनी की राजधानी बर्लिन में चांसलर अंगेला मैर्केल से मिल रहे हैं. संकट एक ही है, कर्ज का.

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तस्वीर: dapd

लगार्द और सारकोजी की बैठक लगभग एक घंटा चली. लेकिन बैठक से पहले और उसके बाद लगार्द ने कोई टिप्पणी नहीं की. शुक्रवार को यूरोपीय आयोग ने अपने सदस्य देशों को बैंकों के कर्जे पूरे करने के लिए किसी योजना पर पहुंचने के लिए 10 दिन का वक्त दिया था. इस योजना के तहत घाटे को पूरा करने के लिए उपाय खोजे जाने हैं और लगार्द का मानना है कि इसके लिए 100 से 200 अरब यूरो की जरूरत होगी.

पूरा यूरोप खतरे में

ग्रीस, इटली और स्पेन के कर्जों का यूरोप के लगभग सभी बैंकों पर असर पड़ रहा है लेकिन फ्रांस के बैंक इस खतरे की सबसे ज्यादा जद में हैं. नेताओं को डर है कि इन देशों की कमजोर अर्थव्यवस्थाएं पूरे महाद्वीप में संकट खड़ा कर सकती हैं.

Angela Merkel Nicolas Sarkozy
तस्वीर: picture alliance/dpa

संकट की गंभीरता को जाहिर करता एक संकेत रेटिंग एजेंसी मूडीज के कदम से भी मिलता है. मूडीज ने ब्रिटेन के एक दर्जन से ज्यादा बैंकों की रेटिंग घटा दी है क्योंकि ऐसा डर है कि बैंकों से सरकारी समर्थन वापस लिया जा सकता है. फिच एजेंसी इटली और बैंकों की रेटिंग पहले ही घटा चुकी है.

ग्रीस से शुरू हुआ यह कर्ज संकट आयरलैंड और पुर्तगाल को पहले ही अपनी चपेट में ले चुका है. अब इटली और स्पेन भी इसके कगार पर खड़े हैं. और चूंकि बैंकों को फंड जुटाने में खासी परेशानी आ रही है, इसलिए पूरा यूरोजोन संकट में है.

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तस्वीर: dapd

बैंकों को पैसा चाहिए

फ्रांस, जर्मनी और इटली की इंपलॉयर्स फेडरेशन ने शनिवार को पूरे यूरोप से अपील की है कि सभी ताकतें एक होकर इस मसले का हल तलाशें. फेडरेशन ने एक नए समझौते की अपील की जो यूरोजोन की मौजूदा कमियों को दूर कर सके. फ्रांस की मेडेफ, जर्मनी की बीडीआई और इटली की कॉन्फइंडस्ट्रिया ने कहा, "हम यूरोपीय संघ से समृद्ध और राजनीतिक रूप से मजबूत 21वीं सदी की नींव रखने के लिए नए समझौते की अपील करते हैं. यह समझौता और ज्यादा नजदीकी राजनीतिक और आर्थिक संगठन के लिए नया कदम होगा."

फेडरेशन ने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने के लिए बैंकों को पूंजी की जरूरत है और इसे इसी रूप में समझा जाना चाहिए. वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष रॉबर्ट जोएलिक भी इस बात से सहमत हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू में जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल पर दूरदृष्टि न होने का आरोप लगाया.

इस कर्ज संकट ने 2008 में अमेरिका में लेहमन ब्रदर्स बैंक के साथ हुई घटना का डर फिर से पैदा कर दिया है. तब निवेश बैंक लेहमन ब्रदर्स डूब गया था और अगर उसे भारी सरकारी अनुदान न दिया गया होता तो पूरी दुनिया की वित्तीय व्यवस्था इस बैंक के साथ डूब सकती थी.

यूरोप की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था जर्मनी की चांसलर मैर्केल ने शुक्रवार को कहा कि जो भी बैंक दबाव में हैं वे यूरोपीय धन की अपील करने से पहले अपने निवेशकों से बात करें. ऐसा लगता है कि फ्रांस की राय थोड़ी अलग है. वह बैंकों को बचाने के लिए सार्वजनिक धन के इस्तेमाल के लिए ज्यादा तैयार है. फ्रांको-बेल्जियन बैंक डेक्सिया को बचाने के लिए देश का सरकारी निवेश फंड पहले ही एक योजना तैयार कर चुका है.

पैरिस में फ्रांस के वित्त मंत्रालय के अधिकारी हालांकि इस बात पर जोर देते हैं कि जर्मनी और फ्रांस में कोई मतभेद नहीं हैं. उन्होंने कहा कि रविवार को होने वाली मैर्केल और सारकोजी की बैठक में राहत पैकेज पर किसी समझौते पर पहुंचने के लिए बात होगी.

रिपोर्टः एएफपी/रॉयटर्स/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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