डीजलगेट में जर्मनी की अदालत ने मुआवजा देने को कहा
२५ मई २०२०मुआवजा देते समय कार की माइलेज को ध्यान में रखा जाएगा. जर्मनी में फोल्क्सवागेन के खिलाफ दायर हजारों मामलों में से यह पहला मामला है जिस पर अदालत ने सुनवाई की है. माना जा रहा है कि यह फैसला बाकी के मामलों के लिए एक मानक तय कर सकेगा.
क्या है फोल्क्सवागेन स्कैंडल?
2015 में अमेरिका की एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी (ईपीए) के वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि फोल्क्सवागेन की कारों में इस तरह का सॉफ्टवेयर लगाया गया है जो कार से होने वाले उत्सर्जन का गलत नतीजा दिखाता है और कार की परफॉर्मेंस के साथ छेड़छाड़ करता है. यह इस जर्मन कार निर्माता कंपनी पर उसके इतिहास का सबसे बड़ा आरोप था. सितंबर 2015 में आखिरकार कंपनी ने आरोप स्वीकार लिए और बताया कि उसने जानबूझ कर एक करोड़ से भी ज्यादा कारों में ऐसा सॉफ्टवेयर लगाया था जो उत्सर्जन के टेस्ट के साथ छेड़छाड़ करता था यानी कार से जहरीली गैसें निकलती लेकिन लैब में टेस्ट के दौरान सॉफ्टवेयर उसे दिखने नहीं देता. यह स्कैंडल डीजलगेट के नाम से जाना गया. फोल्क्सवागेन के बाद दूसरी कंपनियों की भी जांच शुरू हुई और ऑटोमोबिल जगत को बड़ा झटका लगा.
अदालत के बाहर निपटे मामले
बड़े मुकदमों से बचने के लिए कंपनी जर्मनी में 2,35,000 कार मालिकों को मुआवजा देने की घोषणा कर चुकी है. इसके तहत कंपनी कुल 83 करोड़ यूरो का भुगतान करने को तैयार है. लेकिन अगर बाकी देशों में लगी चपत पर नजर डालें, तो यह रकम कुछ भी नहीं है. 2016 में इस कंपनी ने अमेरिका और कुछ अन्य देशों में इस तरह के सेटलमेंट पर 23 अरब यूरो खर्चे. इसी तरह ऑस्ट्रेलिया में सेटलमेंट में कंपनी को 7.6 करोड़ यूरो खर्चने पड़े. वहीं कनाडा में अदालत ने फोल्क्सवागेन पर पहले 2.3 अरब यूरो का जुर्माना लगाया और फिर बाद में 13 लाख यूरो और देने को कहा.
जर्मनी की इस कार कंपनी ने दुनिया भर में किसी तरह मामले निपटाए लेकिन अपने ही देश में यह अब तक उलझी हुई है. यहां अधिकतर कार मालिकों ने इसे विश्वासघात बताते हुए अदालत के बाहर मामला निपटाने से इंकार कर दिया था. ऐसे में हजारों लोगों ने कंपनी पर मुकदमा किया. इनमें से पहले मुकदमे की सुनवाई हुई है.
अब आगे क्या होगा?
फोल्क्सवागेन के खिलाफ जर्मनी की अलग अलग अदालतों में कुछ 60,000 मुकदमें दायर हैं. निचली अदालतें अकसर ऊपरी अदालतों के फैसलों के आधार पर अपने फैसले सुनाती हैं. ऐसे में क्योंकि ताजा फैसला सर्वोच्च अदलात ने सुनाया है, तो माना जा रहा है कि बाकी के मुकदमे भी कंपनी को भारी पड़ेंगे. जुलाई में अदालत डीजलगेट से जुड़े अन्य मुकदमों की सुनवाई करेगी.
रिपोर्ट: क्रिस्टी प्लैड्सन/आईबी
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