फॉर्मूला वन के फर्राटेबाज
सेबास्टियान फेटल 26 साल की उम्र में ही फॉर्मूला वन के सबसे सफल ड्राइवरों में शामिल हो गए हैं. आंकड़ों में मिषाएल शूमाखर सबसे ऊपर हैं, लेकिन वह सबसे महान चालक निश्चित ही नहीं हैं. एक नजर सर्वकालिक बेहतरीन चालकों पर.
सबसे युवा
सेबास्टियान फेटल ने जब पहली फॉर्मूला वन चैम्पियनशिप जीती तो वह 23 साल के थे. वह सबसे कम उम्र के चैम्पियन बने. फेटल फॉर्मूला वन के उन तीन ड्राइवरों में हैं, जो लगातार चार बार रेस जीते हैं.
रिकॉर्ड के चैम्पियन
सात बार विश्व चैम्पियन, 91 जीत और 155 पोडियम फिनिश- भले ही फॉर्मूला वन के बेस्ट ड्राइवर पर बहस होती रहे, लेकिन सबसे सफल तो मिषाएल शूमाखर हैं ही. उन्होंने 21 साल बाद फरारी के लिए लगातार पांच बार ट्रॉफी जीती. चैम्पियन बनने के लिए जर्मनी को 50 साल का इंतजार करना पड़ा.
धीमी शुरुआत, तेज सफलता
फॉर्मूला वन में 1954 से 57 के बीच कोई भी खुआन मानुएल फांजो जितनी तेजी से मास्टर नहीं बना. अर्जेंटीना के फांजो ने 51 फार्मूला वन रेसों के करियर में 24 जीतीं. वह 28 बार पोल पोजिशन पर रहे और 23 बार सबसे तेज लैप का रिकॉर्ड भी बनाया. वह पुरानी मर्सिडीज सिल्वर एरोज चलाते थे.
तेज करियर
जेम्स, जिम या जिमी क्लार्क तेजी, सामंजस्य और तकनीकी समझ के लिए जाने जाते थे. 1963 और 65 के चैम्पियन क्लार्क ओल्ड होकेनहाइम सर्किल में हुई दुर्घटना में मारे गए. उनकी कब्र पर लिखा है, सबसे पहले किसान, फिर एफ1 चैम्पियन और फिर इंडियानापोलिस 500 विजेता.
सुरक्षा के चैम्पियन
आधुनिक फॉर्मूला वन चालक अभी भी जिंदा हैं और अपने करियर की कहानी सुना सकते हैं. इसके लिए धन्यवाद चैम्पियन जैकी स्टुअर्ट को दिया जाना चाहिए. क्योंकि उनसे पहले पिट में बैठने वाले ड्राइवर जान पर खेलते थे. स्कॉटलैंड के स्टुअर्ट ने इसे समझा और एफ1 चैम्पियनशिप को खतरे से बाहर निकालने की शुरुआत की.
मरने के बाद
योखेन रिंट 1970 में विश्व चैम्पियन का खिताब लेने के लिए जिंदा नहीं थे. उसी साल मोंजा में प्रैक्टिस सेशन के दौरान उनकी दुर्घटना में मौत हो गई. माइंज में पैदा हुए रिंट सिल्वरस्टोन के सिंगल कॉर्नर पर एक बार में चार कारों को ओवरटेक करने के लिए जाने जाते हैं.
ब्रैबहैम
15 साल लंबे करियर में ब्लैक जैक ब्रैबहैम ने लगातार तीन खिताब जीते. 1966 में उनकी जीत खास थी क्योंकि उन्होंने अपनी ही टीम ब्रैबहैम के लिए कार चला कर रेस जीती. उस दौरान एफ 1 के कई मालिक ड्राइवरों ने ऐसी कोशिश की थी, लेकिन जीतने वाले अकेले वही थे.
अपनी मर्जी के मालिक
ऑस्ट्रेलिया के निकी लॉडा 1976 में जानलेवा दुर्घटना के कुछ ही हफ्तों बाद ट्रैक पर लौटे. वह ऐसे खिला़ड़ी हैं, जिन्होंने रिटायरमेंट से लौटने के बाद 1984 का खिताब भी जीता, ऐसा कारनामा शूमाखर भी नहीं कर पाए.
सबसे तेज?
फॉर्मूला वन के सबसे महान चालकों में शामिल हैं, ब्राजील के आर्यटन सेना. उन्हें प्यार करने वाले लोग तो थे ही, नफरत करने वाले भी कम नहीं थे. इमोला में तीसरे राउंड में उनकी मौत हो गई. मिषाएल शूमाखर ने 1994 में अपना पहला खिताब सेना के ही नाम किया.
अलां प्रोस्ट
लॉडा के आखिरी टीममेट अलां प्रोस्ट ने 1985 से 93 के बीच चार खिताब जीते. घुंघराले बालों वाले फ्रेंच चालक को ले प्रोफेसर कहा जाता था.