फैसला कुछ घंटे बाद, यूपी किलाबंद
३० सितम्बर २०१०अयोध्या और हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच का वह भवन जहां फैसला सुनाया जाएगा एक दम सीलबंद कर दिए गए हैं. कोर्ट में गुरुवार को सिर्फ वही लोग जा सकेंगे जो केस से जुड़े हैं.
जिस तरह के सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं, वे अभूतपूर्व लगते हैं. खुफिया एजेंसियों को भी सक्रिय कर दिया गया है. सरकार हर असामाजिक तत्व की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है. बुधवार रात को सुरक्षा बलों के जवानों ने राम अयोध्या में जन्मभूमि समेत लगभग सभी स्थानों पर गश्त जारी रखी. पुलिस सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा इंतजाम इस तरह किए गए हैं कि अगर कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर मिलती है तो उस जगह पर कम से कम वक्त में पहुंचा जा सके.
अयोध्या और फैजाबाद में तैनात सभी सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले और रबड़ की गोलियां दी गई हैं. सरकार के सभी विभागों के गजटेड अफसरों को पुलिस की मदद करने को कहा गया है. उन्हें भी रबड़ की गोलियां और आंसू गैस के गोले दिए गए हैं.
राज्य में हेलीकॉप्टरों को भी तैयार रखा गया है. हालांकि आमतौर पर लोगों की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है लेकिन हरेक पर निगाह रखी जा रही है. अस्पतालों और डॉक्टरों को भी चौकस कर दिया गया है.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अयोध्या में खोजी कुत्तों के दल, चार बम खोजी दस्ते, पांच तोड़फोड़ रोधी टीमें और अग्निशमन दल किसी भी स्थिति से निबटने के लिए तैयार रखे गए हैं. राम जन्मभूमि की अंदरूनी सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ की 20 कंपनियां यानी लगभग 200 जवान तैनात किए गए हैं. इसके अलावा फैजाबाद और अयोध्या में पुलिस और पीएसी की 38 कंपनियां तैनात हैं. ग्रामीण क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए 16 अन्य कंपनियों को लगाया गया है.
लखनऊ में भी सुरक्षा बेहद कड़ी है. सीपीएमएफ की 20 कंपनियां, 30 अफसर और विशेष पुलिस बल के 900 जवान शहर के हर कोने पर निगाह रखे हैं. पटाखों और शराब की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है.
हाई कोर्ट की बेंच के उन तीनों जजों की सुरक्षा के भी प्रबंध किए गए हैं. इनकी सुरक्षा में 20 सुरक्षा बल लगाए गए हैं. उनके घरों पर पांच-पांच सीआरपीएफ जवान तैनात हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः महेश झा