बुंडेसलीगा के 50 सालों की यादें
९ अगस्त २०१३तीस साल पहले एक रहस्यमय कार हादसे में बुंडेसलीगा के पेशेवर खिलाड़ी लुत्स आइगेनडॉर्फ की मौत हो गई. उन्हें आखिरी बार रात करीब 10 बजे "कॉकपिट" पब में देखा गया. बात 5 मार्च, 1983 की है. उस दिन बोखुम के हाथों उनकी टीम ब्राउनश्वाइग 2-0 से हार गई थी. और इस मैच में आइगेनडॉर्फ को शामिल भी नहीं किया गया था. उन्हें पूरे वक्त बेंच पर ही बैठना पड़ा.
करीब 11 बजे घर जाते हुए उनकी स्पोर्ट्स कार एक पेड़ से टकरा गई. वह बहुत तेज रफ्तार से चला रहे थे. उनके शरीर में 0.22 प्रतिशत अल्कोहल मिला, जो सामान्य से बहुत ज्यादा है. दो दिन बाद अस्पताल में आइगेनडॉर्फ की मौत हो गई.
यह मौत बहुत बड़ी बहस लेकर आई. यह भी राज ही रहा कि आइगेनडॉर्फ इतने ज्यादा नशे में कैसे पहुंचे. इतिहासकार आंद्रेयास होली ने डीडब्ल्यू के साथ इंटरव्यू में कहा, "इस बात के कई गवाह हैं कि उन्होंने सिर्फ एक या ज्यादा से ज्यादा दो बीयर पी थी. वह जब पब से निकले, तो पूरी तरह होश में दिख रहे थे."
और पत्रकार हेरीबर्ट श्वान ने पाया कि हादसे में शामिल कार की सही जांच नहीं की गई. होली मानते हैं कि यह रहस्यमयी मौत दरअसल एक हत्या थी.
आइगेनडॉर्फ 1956 में ब्रांडेनबुर्ग में पैदा हुए और कम उम्र में ही शानदार फुटबॉलर बन कर उभरे. 22 साल की उम्र में वह पूर्वी जर्मनी की राष्ट्रीय टीम में शामिल हो गए.
जब उनकी टीम बीएफसी डायनमो ने पश्चिमी जर्मनी के काइजर्सलाउटर्न का दौरा किया, तो वह फरार हो गए और पश्चिम में ही रह गए. यहां उन्होंने अपना खेल जारी रखा, पहले काइजर्सलाउटर्न के साथ और फिर ब्राउनश्वाइग के साथ.
अपनी मौत से कुछ ही दिन पहले उन्होंने कहा, "मैंने पूर्वी जर्मनी जिन वजहों के लिए छोड़ा, उसमें एक वजह बुंडेसलीगा में खेलना भी था. यह पूर्वी जर्मनी की ओबरलीगा से बहुत बेहतर है."
उनकी विधवा जोसी आइगेनडॉर्फ ने बताया कि आइगेनडॉर्फ को पता था कि खुल कर अपनी बात कहने के बुरे नतीजे हो सकते हैं, "उन्हें हमेशा लगता था कि वे लोग उनका अपहरण कर लेंगे और वापस ले जाएंगे."
लेकिन 1990 में जर्मनी के एकीकरण के बाद पता चला कि पूर्वी जर्मनी की बदनाम खुफिया पुलिस स्टाजी ने पहले ही फुटबॉलर की हत्या की योजना बना ली थी. उनकी निजी फाइल में लिखा था, "जहर, गैस, ड्रग्सः आइगेनडॉर्फ."
बुंडेसलीगा के एक कोच योर्ग बैर्गर ने 2000 में डीडब्ल्यू से कहा था, "यह कोई हादसा नहीं था. बैर्गर खुद भी डीजीआर से भाग कर 1979 में पश्चिमी जर्मनी आए थे. वह याद करते हैं कि उन्होंने आइगेनडॉर्फ को सावधान रहने की चेतावनी दी थी, "मैंने महसूस किया कि स्टाजी के एजेंट मुझ पर नजर रख रहे हैं. मुझ पर दबाव था और कई बार तो मुझे अपनी जान का भी खतरा महसूस हुआ." उन्होंने बताया, "लेकिन लुत्स चीजों को अलग नजर से देखता था. मैंने उसे चेतावनी दी थी."
साल 2000 में पत्रकार हेरीबर्ट श्वान ने जर्मन टेलीविजन के लिए एक डॉक्यूमेंट्री बनाई, "गद्दार को मौत". रिसर्च के दौरान उन्होंने स्टाजी की आइगेनडॉर्फ के नाम पर तैयार की गई फाइल में दो शब्द पाए, "फरब्लित्सेन, आइगेनडॉर्फ." जर्मन में ब्लित्स का मतलब बिजली है और स्टाजी ने किसी ड्राइवर को चमकती रोशनी दिखा कर अंधा कर देने के लिए फरब्लित्सेन शब्द तैयार किया था. इस वजह से आम तौर पर ड्राइवर अपनी गाड़ी पर नियंत्रण खो देता है.
यह इस बात का सबूत हो सकता है कि फुटबॉलर की कार पेड़ से कैसे टकराई. इससे लगता है कि यह कोई हादसा नहीं, बल्कि राजनीतिक हत्या थी.
श्वान की शिकायत है, "अभियोक्ता कार्यालय ने कभी इस पर ठीक से ध्यान नहीं दिया, जबकि मैंने फाइल मिलने के बाद उनका ध्यान इस ओर दिलाया था. अफसोस की बात है कि कानूनी अधिकारियों ने बहुत लापरवाही दिखाई."
ब्राउनश्वाइग के रिटायर्ड वरिष्ठ अभियोक्ता हंस-युर्गेन ग्रासेमन भी स्वीकार करते हैं, "हमें हमेशा इस बात का शक रहा है कि इस काम में स्टाजी का हाथ हो सकता है."
2011 में बर्लिन के सरकारी वकील ने केस को दोबारा खोलने की मांग की. लेकिन तब तक स्टाजी की कई फाइलें गायब हो चुकी थीं.
रिपोर्टः योशा वेबर/एजेए
संपादनः महेश झा