फिर सुलगा ज्वालामुखी
१४ फ़रवरी २०१४गुरुवार को माउंट केलुड ज्वालामुखी के सक्रिय होते ही आस पास के इलाके में राख की राख छाने लगी. ज्वालामुखी के आस पास 17 किलोमीटर के दायरे में चार सेंटीमीटर राख बिछ गई. गुबार ऐसा है कि दस मीटर के आगे कुछ नजर नहीं आ रहा है. प्रशासन के मुताबिक राख के भार की वजह से एक मकान ढह गया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई.
राष्ट्रीय आपदा एजेंसी ने माउंट केलुड के आस पास 10 किलोमीटर के इलाके में बसे 36 गांवों को खाली करा दिया है. एक लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. ज्वालामुखी इंडोनेशिया के दूसरे बड़े शहर सुराबाया से 90 किलोमीटर दूर है.
एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो नुग्रोहो के मुताबिक ज्वालामुखी कुछ शांत हुआ है लेकिन राख का गुबार 500 किलोमीटर दूर तक फैल चुका है. हवाई जहाजों के लिए यह खतरनाक है. पांच एयरपोर्ट बंद कर दिए गए हैं.
इंडोनेशिया में करीब 130 सक्रिय ज्वालामुखी हैं. इसी महीने की शुरुआत में सुमात्रा द्वीप में भी माउंट सिनाबुंग ज्वालामुखी फूटा था. उससे काफी मात्रा में राख और लावा निकला. 11 लोगों की मौत हुई और आस पास के इलाके में हर तरह की फसल बर्बाद हो गई.
भूकंप के लिहाज से इंडोनेशिया बेहद संवेदनशील है. करीब 17,000 द्वीपों वाला यह देश फॉल्ट लाइन्स के ऊपर है. इनमें से 5,000 पर घनी आबादी है. यह फॉल्ट लाइन पश्चिमी हिस्से से जापान और दक्षिणपूर्व एशिया तक जाती है. यही वजह है कि जापान और इंडोनेशिया में सबसे ज्यादा भूकंप दर्ज किए जाते हैं.
ओएसजे/एएम (रॉयटर्स, एएफपी)