प्लेमोबिल: कामयाबी की दास्तान
सत्तर के दशक में प्लेमोबिल के फिगर लोकप्रिय होने लगे. साढ़े सात सेंटीमीटर बड़े ये खिलौने बाजार में आए और जल्द ही उन्होंने बच्चों के कमरों पर कब्जा कर लिया.
खिलौनों से कामयाबी
हॉर्स्ट ब्रांडश्टेटर ने 19 साल की उम्र में खानदानी कारोबार संभाला. 1974 में उनकी कंपनी जियोब्रा ब्रांडश्टेटर को प्लास्टिक के खिलौनों के साथ बाजार में पहली बड़ी कामयाबी मिली. अब तक विश्व भर में 2.8 अरब फिगर बेचे गए हैं.
60 करोड़ का कारोबार
कंपनी का मुख्यालय जर्मनी के न्यूरेमबर्ग शहर के करीब सिर्नडॉर्फ में है. यह जर्मनी के सबसे बड़े खिलौना निर्माताओं में है और दुनिया भर में उसके करीब 4,000 कर्मचारी हैं. 2014 में उसने कुल 59.5 करोड़ यूरो का कारोबार किया.
दुनिया मुट्ठी में
कंपनी का 70 फीसदी कारोबार विदेशों में होता है. प्लेमोबिल के डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर यूरोप, अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको में हैं. सबसे बड़ा कारखाना जर्मनी के डीटेनहोफेन में है. माल्टा, चेक गणराज्य और स्पेन में भी कारखाने हैं.
घुड़सवार और मजदूर
1974 में प्लेमोबिल के पहले फिगर बाजार में आए. घुड़सवार, रेड इंडियन और निर्माण मजदूर. इन खिलौनों का डिजायन हंस बेक ने बनाया था जिनकी 2009 में मौत हो गई. उन्होंने ब्रांडश्टेटर के साथ मिलकर नए खिलौनों को स्वरूप दिया और ब्रांड को बाजार में लाए.
प्लेमोबिल के पूर्वज
प्लेमोबिल के काल से पहले भी इस तरह के खिलौने हुआ करते थे, जैसे कि जिंक के सैनिक. लेकिन वे दूसरे मैटेरियल की मदद से बनाए जाते थे. जिंक के खिलौने 1550 ईस्वी से ही बनाए जाते थे लेकिन उनका इस्तेमाल सीखने के लिए होता था.
प्रतिद्वंद्वी लेगो
प्लेमोबिल के बाजार में उतरने के कुछ साल बाद 1978 में डेनमार्क की कंपनी लेगो ने अपने इंसानी फिगर बाजार में उतारे. वे करीब 42 मिलीमीटर बड़े हैं और उन्हें सर तथा शरीर के उपरी और निचले हिस्से में तोड़ा जा सकता है. हाथ और सर को घुमाया जा सकता है.
रंग बिरंगी दुनिया
प्लेमोबिल के फिगर शुरू में बहुत सीधे सादे थे और एक रंग के थे. बालों का सिर्फ एक डिजायन था, लेकिन काले, भूरे और सुनहरे रंगों के साथ. समय के साथ आकृतियों का रूप बदला, उन्हें घूमने वाले हाथ मिले और रंग बिरंगी एक्सेसरी मिली.
बदलते पेशे
साल दर साल नए विषयों और किरदार वाले खिलौने बाजार में आए. प्लेमोबिल की आकृतियों के पेशों में भी बदलाव आता गया. निर्माण मजदूर से पुलिस, दमकल कर्मचारी और डॉक्टर तथा नर्स जैसे अस्पताल के कर्मचारियों तक.
फैशनेबल सुंदरियां
शुरुआती सालों में प्लेमोबिल की महिलाओं को सिर्फ लंबे बालों और मिनी स्कर्ट जैसी बातों से पहचाना जा सकता था. 80 के दशक में खिलौनों में महिलाओं वाले शरीर जैसी आकृतियां भी शामिल की गईं. लंबी स्कर्ट और पैंट-कोट भी लोकप्रिय हुए.