प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2016
प्रेस की आजादी पर दुनिया भर में दबाव बढ़ रहा है. यह कहना है कि मीडिया वाचडॉग रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स का जिसने प्रेस की आजादी, सेल्फ सेंसरशिप, कानूनी राज्य और दमन के मानकों पर अंतरराष्ट्रीय सूची जारी की है.
1. फिनलैंड
पिछले पांच साल से वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में पहले स्थान पर. प्रति व्यक्ति अखबार पढ़ने वालों की सूची में तीसरे नंबर पर. देश में 31 दैनिकों सहित 200 अखबार लेकिन ज्यादातर मिल्कियत दो हाथों में.
2. नीदरलैंड्स
पिछले साल के मुकाबले दो स्थान बेहतर. मीडिया और अभिमत की स्वतंत्रता की लंबी परंपरा. अपमान, भेदभाव और घृणा भड़काने पर रोक के लिए कानून लेकिन व्यंग्य की पूरी आजादी.
3. नॉर्वे
पिछले साल के मुकाबले एक स्थान पीछे. मीडिया स्वतंत्रता का आधार 1814 का देश का संविधान. रेडियो, टेलिविजन और अखबारों में 40 प्रतिशत से ज्यादा शेयर रखने पर प्रमुख मीडिया ग्रुपों पर रोक.
16. जर्मनी
शरणार्थी संकट के बीच जर्मनी में पत्रकारों पर हमलों में तेजी आई. हेट स्पीच और नाजी प्रचार पर रोक के बावजूद पत्रकार उग्र दक्षिणपंथियों के निशाने पर. पिछले साल के मुकाबले चार स्थान नीचे.
133. भारत
पिछले साल के मुकाबले सूची में भारत की स्थिति सुधरी लेकिन पत्रकारों और ब्लॉगरों पर धार्मिक गुटों के हमलों में तेजी. पत्रकारों की समस्याओं और उनकी सुरक्षा के मुद्दों पर सरकारें गंभीर नहीं.
147. पाकिस्तान
पिछले साल के मुकाबले पाकिस्तान ने सूची पर 12 स्थानों की छलांग लगाई लेकिन पत्रकारों को अतिवादी गुटों, इस्लामी संगठनों और खुफिया एजेंसियों से खतरा बना हुआ है. मीडिया के खिलाफ ये सब एकजुट हो जाते हैं.
148. रूस
हालांकि रूस 2015 के मुकाबले चार स्थान ऊपर गया लेकिन 2012 में राष्ट्रपति पुतिन के क्रेमलिन में वापस लौटने के बाद से स्वतंत्र मीडिया और वेबसाइटों पर दबाव लगातार बढ़ता गया.
151. तुर्की
राष्ट्रपति रेचेप तय्यप एरदोवान ने मीडिया के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. पत्रकारों पर काफी दबाव है, कई को राष्ट्रपति के अपमान के आरोप में प्रताड़ित किया जाता है. वे खुद भी शिकायत दर्ज करने से नहीं चूकते.
176. चीन
चीन पिछले साल की ही तरह 176वें स्थान पर है. ब्लॉग और सोशल मीडिया को कंट्रोल करने के लिए फायरवॉल बनाने के अलावा भी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी देश की मीडिया पर पूरा नियंत्रण रखती है.