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पोलैंड रूस में सेब की लड़ाई

५ अगस्त २०१४

दो देशों के बीच इतना मीठा विवाद इससे पहले कभी नहीं था, जितना रूस और पोलैंड के बीच पैदा हो गया है. रूस इन दिनों पोलैंड से सेब नहीं ले रहा और पोलैंड के लोग खुद सेब खपाने की कोशिश कर रहे हैं.

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तस्वीर: Fotolia/Kurhan

रूस ने जब से पोलैंड से आने वाले फलों और सब्जियों पर रोक लगाई है, पोलैंड में कई जगहों पर लोग सेबों के साथ प्रदर्शन करने लगे हैं. वे ज्यादा से ज्यादा सेब का उपभोग भी करने लगे हैं. सबसे पहले राजनीतिक पत्रिका पल्स बिजनेसू ने लोगों से अपील की कि वे सेहतमंद खाने पर ध्यान देना शुरू कर दें और सेब खाएं.

यूं तो पोलैंड के लोग ज्यादा वोदका और सॉसेज पसंद करते हैं लेकिन अचानक से उन्होंने सेब के साइडर पीना शुरू कर दिया. पिछले हफ्ते पत्रिका के एक संपादकीय में डिप्टी एडिटर ग्राजेगोर्व नावाकी ने लिखा, "पुतिन के खिलाफ खड़े हों - सेब खाएं, साइडर पीएं". उनका तर्क है कि अगर पोलैंड की जनता सेब का सही इस्तेमाल कर लेगी, तो रूस ने जो रोक लगाई है, उससे होने वाली हानि की भरपाई की जा सकेगी. उनकी अपील पर सोशल मीडिया और दूसरे खेमों में असर भी दिखाई दिया. फेसबुक और ट्विटर पर सेब खाते पोलिश लोगों के सेल्फी की बाढ़ आ गई.

सोमवार को वॉरसा शहर की बसों पर ऐसे इश्तिहार लग गए, जिनमें लोगों से सेब खाने की अपील की गई है. इसके अलावा राष्ट्रपति ब्रोनिस्लाव कोमोरोवस्की के दफ्तर ने एक फोटो जारी किया है, जिसमें हंसते हुए राष्ट्रपति को सेब के एक टोकरी के साथ दिखाया गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मार्सिन वोचीचोवस्की ने ट्वीट किया, "यह मत पूछिए कि पोलैंड आपके लिए क्या कर सकता है. सेब खरीदिए."

Symbolbild Apfel
तस्वीर: picture alliance / APA/picturedesk.com

पोलैंड के राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तानिस्लाव कोजीएई का कहना है, "पूरी दुनिया को पता चलना चाहिए कि पोलैंड के सेब सबसे अच्छे होते हैं." अब पोलैंड यूरोपीय संघ से इस बात पर चर्चा कर रहा है कि क्या रूस के इस फैसले के बाद उसे मुआवजा मिलना चाहिए. नाटो और यूरोपीय संघ ने इस मुद्दे पर पोलैंड की मदद करने का वादा किया है. पोलैंड ने यूक्रेन विवाद के बीच रूस का विरोध और उसकी निंदा की थी, जिसके बाद रूस ने यह कदम उठाया है. कई महीने से पोलैंड की मीडिया मांग कर रही है कि रूस पर ज्यादा कड़े प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए.

दैनिक समाचारपत्र गजेटा वाइबोरशा ने अनुमान लगाया है कि रूस की रोक से निपटने के लिए पोलैंड वालों को कितने सेब खाने होंगे. हर साल 667,000 टन सेब रूस निर्यात होता था, जबकि 600,000 टन देसी लोग खरीदते थे. अखबार का तर्क है कि इसका मतलब यह हुआ कि औसत पोलिश हर साल 15 किलो की जगह अब 30 किलो सेब खाए.

सुनने में यह बहुत ज्यादा लगता है लेकिन सरकारी अधिकारियों का कहना है कि अगर आप देखें तो पोलैंड के लोग हर साल औसतन 85 किलो मीट खाते हैं और उसे ध्यान में रखते हुए यह बहुत ज्यादा नहीं है. कृषि मंत्री मारेक साविकी की अपील है, "हर रोज तीन से चार सेब खाइए." और उधर फेसबुक पर एक स्लोगन खूब चल रहा है, "ऐन एपल के डे, कीप्स पुतिन अवे".

एजेए/एमजे (डीपीए)