1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

कैथोलिक चर्च में महिलाएं अभी भी नहीं बन सकतीं पादरी

११ जनवरी २०२१

कैथोलिक चर्च में महिलाओं को पादरी बनाना या पादरी जैसी भूमिकाएं मिलनी चाहिए या नहीं इस पर विवाद चल रहा है. पारंपरिक रूप से ये पद महिलाओं के लिए उपलब्ध नहीं रहे हैं. क्या पोप फ्रांसिस ये सूरत बदल सकते हैं?

https://p.dw.com/p/3nmWp
Vatikan Angelusgebet von Papst Franziskus an Neujahr
तस्वीर: VATICAN MEDIA/ANSA/picture alliance

पोप फ्रांसिस ने रोमन कैथोलिक चर्च के नियमों को बदल कर महिलाओं को कई नई जिम्मेदारियां दी हैं लेकिन यह भी कहा है कि वो अभी भी पादरी नहीं बन सकती हैं. पोप ने चर्च के नियम बदल कर महिलाओं को गॉस्पेल पढ़ने की और चर्च के आल्टर पर बतौर मिनिस्टर सेवाएं देने की अनुमति दे दी है.

इससे पहले यह भूमिकाएं पुरुषों तक ही सीमित थीं, हालांकि कभी कभी नियमों से छूट दे दी जाती थी. अब दुनिया के कई हिस्सों में महिलाएं इन भूमिकाओं को निभाती हैं. पोप का कहना है कि वो ये बदलाव चर्च में महिलाओं के "बहुमूल्य योगदान" को और सम्मान देने के लिए कर रहे हैं. उनका कहना था कि बैप्टाइज किए हुए सभी कैथोलिक ईसाईयों की चर्च के मिशन में एक भूमिका है.

लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा करने में पादरी बनने जैसी चर्च की नियुक्तियों और योग्य जन-साधारण के लिए उपलब्ध भूमिकाओं में अंतर समझना होगा. वैटिकन पादरी बनना सिर्फ पुरुषों के लिए आरक्षित रखता है. ये बदलाव ऐसे समय पर आए हैं जब पोप पर दबाव बढ़ रहा है कि वो महिलाओं को कम से कम डेकन या छोटा पादरी बनने की अनुमति दें.

Vatikan | Balkon am Petersplatz | Papst Franziskus
पोप फ्रांसिस पर चर्च में महिलाओं को और जिम्मेदारी देने का दबाव बढ़ रहा है.तस्वीर: Vincenzo Pinto/AFP/Getty Images

डेकन भी वैटिकन द्वारा नियुक्त किए जाते हैं और पादरियों की कई जिम्मेदारियां वो भी निभा सकते हैं. इनमें शादियां, बपतिस्मा और अंतिम संस्कार कराना शामिल है. इस समय पादरी बनना सिर्फ पुरुषों के लिए संभव है. महिलाएं डेकन बन सकती हैं या नहीं इसका अध्ययन करने के लिए पोप ने इससे पहले विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जो किसी नतीजे पर नहीं पहुंची थी.

अब इसी उद्देश्य के लिए पोप ने एक और समिति का गठन किया है. महिलाओं को डेकन बनाने के समर्थक कहते हैं कि ऐसा करने से चर्च के प्रशासन में महिलाओं को ज्यादा अवसर मिलेंगे और इसके साथ दुनिया के कई कोनों में पादरियों की कमी को भी पूरा किया जा सकेगा. इसका विरोध करने वाले कहते हैं कि इसकी अनुमति देने से महिलाओं के पादरी बनने का रास्ता भी खुल जाएगा.

सीके/एए (एपी)

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी