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पुराने न्युर्नबैर्ग को है नएपन की तलाश

२१ अगस्त २००९

जर्मनी का एक और पुराना क्लब है 1. एफ़सी न्युर्नबैर्ग, जिसकी स्थापना सन 1900 में हुई थी. ख़ासकर 1920 के दशक में यह देश का सबसे कामयाब क्लब माना जाता था, लेकिन इस बीच उसकी पुरानी शान नहीं रह गई है.

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कोटबुस को मात देकर बुंडेसलीगा में वापसीतस्वीर: picture-alliance/ dpa

क्लब के इस समय 8500 सदस्य हैं, व उसके ईज़ी क्रेडिट स्टेडियम में 46,780 दर्शकों के लिए जगह है.

बुंडेसलीगा बनने से पहले देश के सबसे सफल इस क्लब के लिए बुंडेसलीगा का सफ़र कतई कामयाब नहीं रहा है.

इसे भी अब लिफ़्ट पर चढ़ा हुआ क्लब माना जाता है, जो पहली और दूसरी लीग के बीच शंटिंग करता रहता है. वैसे सन 2001 से वह सिर्फ़ दो बार एक-एक साल के लिए दूसरी लीग में उतरा है. पिछले सत्र में दूसरी लीग में खेलने के बाद इस बार वह फिर से बुंडेसलीगा में लौट आया है और दो खेलों में एक हार व एक ड्रॉ के साथ लीग तालिका में 13वें स्थान पर है.

सन 1961 व 1968 में आखिरी बार न्युर्नबैर्ग बुंडेसलीगा चैंपियन बना था. अगले ही साल उसे दूसरी लीग में गिरना पड़ा. उसकी हाल की कामयाबियों में शामिल है सन 2007 में डीएफ़बी कप की जीत. उस साल वह बुंडेसलीगा की तालिका में छठे स्थान पर रहा.

लेकिन दो ही साल उसे दूसरी लीग में गिरना पड़ा था. रुर इलाके के शाल्के 04 की तरह न्युर्नबैर्ग के फ़ैन्स भी बड़े भावुक माने जाते हैं. दोनों क्लबों के फ़ैन्स के बीच काफ़ी दोस्ती है. दूसरी ओर, बवेरिया के सबसे कामयाब क्लब बायर्न म्युंचेन के साथ न्युर्नबैर्ग की पूरानी प्रतिस्पर्धा है.

मिषाएल ओएनिंग इस समय क्लब के कोच हैं.

लेखक: उज्ज्वल भट्टाचार्य

संपादन: एस जोशी