पुतिन से सिप्रास की मुलाकात
८ अप्रैल २०१५मॉस्को में सिप्रास रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक में दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा करेंगे. यूक्रेन संकट के चलते पिछले कुछ समय से यूरोपीय संघ और रूस के बीच संबंधों में खटास बढ़ी है. ईयू ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगा दिए हैं. आर्थिक मुश्किलें झेल रहा ग्रीस रूस के साथ अकेले रिश्ते बढ़ाए यह यूरोपीय संघ को मंजूर नहीं. उसे यूक्रेन विवाद में संघ की एकता टूटने का डर सता रहा है. यही कारण है कि यूरोपीय संघ सिप्रास के इस दौरे से खुश नहीं है.
साथ ही यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब ग्रीस की आर्थिक स्थिति को ले कर नए फैसले लिए जाने हैं. ग्रीस को अप्रैल के अंत तक कर्जदाताओं को ब्याज और किस्त की राशि का भुगतान करना है जिसके लिए उसे एक बार फिर यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से राहत पैकेज की जरूरत पड़ सकती है.
यूरोपीय संघ का आरोप है कि कई वायदों के बाद भी ग्रीस आर्थिक सुधार करने में असमर्थ रहा है, जिस कारण देश की स्थिति बेहतर नहीं हो पा रही है. ऐसे में एक डर यह भी है कि ग्रीस रूस से आर्थिक मदद मांग सकता है. लेकिन ऐसा करना ईयू के खिलाफ जाने जैसा होगा. इसी को ध्यान में रखते हुए सिप्रास की यात्रा से ठीक पहले ग्रीस में अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि आर्थिक मदद को ले कर चर्चा दोनों राष्ट्राध्यक्षों की बैठक का मुद्दा नहीं है. ग्रीस का कहना है कि बैठक के दौरान ऊर्जा, निवेश, व्यापार, कृषि और पर्यटन के मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा. पिछले साल मॉस्को ने ईयू के प्रतिबंधों के जवाब में उसके कृषि उत्पादों के आयात पर रोक लगा दी थी.
इसके अलावा रूस और ग्रीस प्राकृतिक गैस के आयात निर्यात में भी रुचि लेते दिख रहे हैं. दिसंबर में राष्ट्रपति पुतिन ने टर्किश स्ट्रीम गैस पाइपलाइन की घोषणा की थी जो रूस और तुर्की के बीच प्राकृतिक गैस की सीधे सप्लाई का साधन होगी. माना जा रहा है कि ग्रीस भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनना चाहता है.
जनवरी में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद से यह सिप्रास की पहली रूस यात्रा है. पिछले साल चुनावों से पहले भी वे रूस गए और अधिकारियों से मुलाकात की. साम्यवादी पृष्ठभूमि वाले अलेक्सिस सिप्रास ने रूस से निकटता को कभी राज नहीं रखा है. रिपोर्टों के अनुसार सिप्रास पुतिन के साथ बैठक में रूस और ईयू के बीच दूरियों को सुलझाने का प्रयास भी करेंगे. रूस के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने पत्रकारों से कहा, "हम प्रतिबंधों में विश्वास नहीं रखते. मैं इस बात का समर्थन करता हूं कि संवाद और कूटनीतिक समाधान की जरूरत है. हमें समझौते की मेज पर बैठ कर बड़ी समस्याओं के हल के बारे में सोचना होगा".
आईबी/एमजे (डीपीए, एएफपी, एपी)