पीरियड्स के दौरान इस पूल में आना मना है
१२ अगस्त २०१६मामला जॉर्जिया के एक पॉश फिटनेस सेंटर का है. सेंटर ने महिलाओं के चेंजिंग रूम के बाहर एक नोटिस लगा दिया. इस पर लाल अक्षरों में लिखा है, "डीयर लेडीज, पीरियड्स के दौरान पूल में ना जाएं." जिम में जाने वाली एक महिला ने इस नोटिस की तस्वीर ली और इसे फेसबुक पर पोस्ट कर दिया. साथ ही महिला ने सवाल किया, "क्या आपको अहसास है कि यह कितना अपमानजनक है?" महिला ने यह भी कहा कि जिम के नए नियमों के अनुसार अगर महिलाओं को महीने में 5-6 दिन तक पूल का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है, तो क्या उन्हें पुरुषों की तुलना में सस्ते दामों में जिम की मेंबरशिप नहीं मिलनी चाहिए.
फेसबुक पर ये सवाल उठाते हुए सोफी टाबाटाडजे नाम की इस महिला को कोई अंदाजा नहीं था कि यह पोस्ट सुर्खियों में आ जाएगी. अब सोशल मीडिया पर दुनिया भर की महिलाएं इस कदम की आलोचना कर रही हैं. वहीं फिटनेस सेंटर ने इसके जवाब में कहा है कि उन्हें यह कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि कुछ दिन पहले एक महिला ने पीरियड्स के दौरान पूल का इस्तेमाल कर उसे गंदा कर दिया था.
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एक बयान जारी कर फिटनेस क्लब ने कहा है, "हमारा फैसला सेक्सिस्ट नहीं है. हम सिर्फ स्वास्थ्य के मानकों का पालन करने की कोशिश कर रहे हैं और अपने सदस्यों से भी इसी की अपील करते हैं."
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इस पर ट्विटर पर एक महिला ने सवाल किया है कि लोगों के स्विमिंग पूल में पेशाब करने पर तो रोक नहीं लगती लेकिन पीरियड्स के दौरान महिलाओं पर रोक लगाई जा रही है. इसी तरह एक अन्य महिला ने इसे मध्ययुगीन मानसिकता का नाम दिया है.
डॉक्टरों की मानें तो स्विमिंग करने से पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से राहत मिलती है. ऐसे में सामान्य सैनिटरी पैड्स की जगह टैम्पॉन या फिर मेंस्ट्रयुल कप का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे प्रवाह शरीर के बाहर नहीं आ पाता. स्विमिंग के लिए इन्हें सुरक्षित माना जाता है और इनसे अन्य लोगों को इंफेक्शन का खतरा नहीं होता.
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इसके विपरीत मेकअप, परफ्यूम, पसीना और पेशाब स्विमिंग पूल में इंफेक्शन के सबसे बड़े स्रोत हैं. पानी में इनसे संक्रमण ना हो, इसीलिए उसमें क्लोरीन मिलाया जाता है.
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