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पीपीपी मॉ़डल से विकसित हुए देश स्वीडन की राजनीतिक व्यवस्था

ऋषभ कुमार शर्मा
१४ मई २०१९

स्वीडन में आज भी राजा होता है लेकिन उसकी राजनीतिक ताकत लगभग शून्य है. स्वीडन ने 1905 तक नॉर्वे पर कब्जा कर रखा था. स्वीडन को पीपीपी मॉडल का अच्छा उदाहरण माना जाता है.

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Schweden Premierminister Stefan Lofven & neues Kabinett in Stockholm
तस्वीर: Reuters/Jessica Gow/TT News Agency

यूरोपीय महाद्वीप में क्षेत्रफल की दृष्टि से पांचवा सबसे बड़ा देश स्वीडन, नॉर्वे और फिनलैंड के बीच में स्थित है. स्वीडन उत्तरी यूरोप का सबसे बड़ा देश है. 450,295 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल और लगभग एक करोड़ जनसंख्या वाला देश स्वीडन गणतंत्र की जगह संवैधानिक राजतंत्र है. इसका आधिकारिक नाम स्वीडन साम्राज्य है लेकिन यहां के राजपरिवार का सरकार और राजनीति में दखल ना के बराबर है. यहां का राजपरिवार महज औपचारिक भूमिका में है. देश का शासन चलाने का काम चुनी हुई सरकार का है. सरकार का मुखिया प्रधानमंत्री होता है.

स्वीडन ने दोनों विश्वयुद्धों में भाग नहीं लिया था. 1815 से 1905 तक स्वीडन ने नॉर्वे पर कब्जा कर रखा था. 1905 में दोनों अलग हो गए. स्वीडन में बहुत पहले से संवैधानिक व्यवस्था चलती आ रही है. इसमें कई बार राजा रहे और कई बार राजाओं का पद समाप्त कर दिया गया. साल 1921 में पहली बार महिलाओं को वोट डालने का अधिकार मिला. 1971 तक यहां संसद के दो सदन होते थे. 1975 तक राजा की राजनीतिक भूमिका थी लेकिन 1975 के संविधान संशोधन के बाद राजा की भूमिका महज औपचारिक रह गई.

स्वीडन ने पिछले 70-80 सालों में तेजी से विकास किया है. जानकार इसका कारण वहां की मिश्रित अर्थव्यवस्था को बताते हैं जिसमें पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप की बड़ी भूमिका है. 2014 में यूरोपीय संसद में 20 सदस्य भेजने वाला स्वीडन इस बार 21 सदस्य भेजेगा.

राजनीतिक व्यवस्था

स्वीडन में संसद की एक सदनीय व्यवस्था लागू है. संसद यहां सबसे ताकतवर इकाई है. इसके निर्णय पर किसी का वीटो नहीं हो सकता. स्वीडन की संसद का नाम रिक्सदा है. इसमें कुल 349 सदस्य होते हैं. बहुमत का आंकड़ा 175 है. 310 सदस्य निर्वाचन क्षेत्रों से चुने जाते हैं जबकि 39 सदस्य पूरे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं. चुनाव समानुपातिक प्रतिनिधित्व के जरिए होता है. जिस पार्टी को चुनाव में जितने प्रतिशत वोट मिलते हैं उसे उतनी ही सीटें मिल जाती हैं.

किसी भी पार्टी को रिक्सदा में पहुंचने के लिए कम से कम चार प्रतिशत वोट चाहिए. रिक्सदा का कार्यकाल चार साल का होता है. प्रधानमंत्री को चुनने और पद से हटाने का अधिकार स्पीकर के पास होता है. रिक्सदा की पहली बैठक में स्पीकर चुना जाता है. स्पीकर सबसे बड़ी पार्टी या गठबंधन के नेता को प्रधानमंत्री चुनता है. प्रधानमंत्री को रिक्सदा में अपना बहुमत साबित करना होता है. राजा का इस पूरी प्रक्रिया में कोई योगदान नहीं होता है.

प्रमुख राजनीतिक पार्टियां

स्वीडन की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में समाजवादी स्वीडिश सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी, उदारवादी रूढ़िवादी मॉडरेट पार्टी, समाजवादी रुढ़िवादिता वाली स्वीडन डेमोक्रेट्स, पर्यावरण समर्थक ग्रीन पार्टी, उदारवादी सेंटर पार्टी और वामपंथी दल शामिल हैं. फिलहाल सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के स्टेफान लोएवीन स्वीडन के प्रधानमंत्री हैं.