पाक के साथ परमाणु क़रार नहीं: अमेरिका
८ अप्रैल २०१०अमेरिका के विदेश उपमंत्री पीजे क्राउली ने बताया कि अमेरिका पाकिस्तान की ऊर्जा ज़रूरतों पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं लेकिन इसमें पाकिस्तान की असैनिक परमाणु ऊर्जा शामिल नहीं है. पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ मार्च महीने में स्ट्रैटेजिक डायलॉग के दौरान ज़ोर शोर से परमाणु क़रार की पैरवी की थी.
बुधवार को प्रधानमंत्री गिलानी ने भी परमाणु अप्रसार के लिए पाकिस्तान के प्रयासों का उल्लेख करते हुए क़रार की मांग की थी. गिलानी ने कहा, "एक स्थापित और जांची परखी सुरक्षा व्यवस्था के साथ पाकिस्तान भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असैनिक परमाणु क्षेत्र में सहयोग की कसौटी को पूरा करता है. इससे हमें अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी. साथ ही इससे स्थिरता आएगी."
बुधवार को इस्लामाबाद में संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की विशेष बैठक में गिलानी ने कहा, "परमाणु अप्रसार और सुरक्षा के उद्देश्य को तभी पूरा किया जा सकता है, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को भेदभाव रहित बनाया जाए." गिलानी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय असैनिक परमाणु सहयोग की कोशिशों को प्रोत्साहन देने के लिए उनकी सरकार परमाणु सुरक्षा और उससे जुड़े उपायों पर पूरी तरह ध्यान दे रही है.
गिलानी ने कहा, "परमाणु शक्ति संपन्न देश होने के नाते पाकिस्तान अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी समझता है और उसने परमाणु सुरक्षा और परमाणु अप्रसार के लिए सुरक्षा उपाय किए हैं." पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान पिछले 35 साल से सफलतापूर्वक परमाणु बिजली संयत्र चला रहा है और वहां उच्च प्रशिक्षित लोग भी हैं. उन्होंने कहा कि सरकार परमाणु सुरक्षा की जिम्मेदारी को पूरी तरह स्वीकार करती है. प्रधानमंत्री होने के नाते गिलानी राष्ट्रीय कमांड अथॉरिटी के प्रमुख भी है जिसके हाथ में देश के परमाणु हथियारों का नियंत्रण है.
पाकिस्तान को लोकतांत्रिक, प्रगतिशील और शांतिप्रिय देश बताते हुए गिलानी ने कहा, "हमारा सामाजिक और आर्थिक विकास इस बात पर निर्भर करता है कि हम अपनी ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने में कितने सक्षम हैं. इसके लिए हमें सभी विकल्पों को तलाशना है. इस तरह असैनिक परमाणु बिजली हमारी राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा रणनीति का अहम हिस्सा है."
पाकिस्तान अमेरिका और दूसरी पश्चिमी सरकारों पर इस बात के लिए दबाव डाल रहा है कि उसके साथ ही भारत जैसा असैनिक परमाणु समझौता किया जाए.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एस गौड़