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पाकिस्तान कभी नहीं जाते दिलशान

२६ मई २०११

श्रीलंका के कप्तान तिलकरत्ने दिलशान ने कहा है कि अगर बोर्ड पाकिस्तान जाने का फैसला भी करता, तो वह साथ नहीं जाते. हालांकि उन्होंने बोर्ड के फैसले का स्वागत किया कि टीम पाकिस्तान नहीं जाएगी, जहां उन पर हमला हुआ था.

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तस्वीर: AP

इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट से एक दिन पहले श्रीलंकाई कप्तान ने कहा, "मैं वैसी स्थिति दोबारा नहीं झेलना चाहता. मुझे नहीं पता कि दूसरे खिलाड़ी क्या सोचते हैं लेकिन पिछली बार पाकिस्तान में मेरा अनुभव बेहद खराब रहा और मैं दोबारा वहां नहीं जाना चाहता."

पाकिस्तान के लाहौर शहर में तीन मार्च, 2009 को श्रीलंका की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम की बस पर कातिलाना हमला हुआ, जिसमें पाकिस्तान के छह पुलिसवाले मारे गए. हालांकि बस ड्राइवर की समझबूझ से खिलाड़ी बच गए और सीरीज वहीं खत्म हो गई. इसके बाद से पाकिस्तान में कोई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच नहीं खेला गया है. हाल में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने श्रीलंका से अपील किया था कि वह अपनी टीम उनके देश भेजे, जिसे श्रीलंका ने ठुकरा दिया.

Cricket Spieler aus Sri Lanka werden nach Anschlag in Lahore Pakistan mit Helicopter evakuiert
तस्वीर: AP

समझा जाता है कि पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच तीन टेस्ट मैचों, पांच वनडे और दो ट्वेन्टी 20 मैचों की सीरीज किसी तीसरी जगह खेली जाएगी. पाकिस्तान अपने घर में होने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय मैच किसी न्यूट्रल वेन्यू पर खेल रहा है.

दिलशान ने कार्डिफ में मैच शुरू होने से पहले यह भी माना कि उनकी टीम को मुरलीधरन की कमी खलेगी. उन्होंने बताया कि उन्हें अब छह बल्लेबाजों और पांच गेंदबाजों के साथ उतरना होगा. मुरली के रहते उनकी टीम सिर्फ चार गेंदबाज खेलाती थी क्योंकि वह हर रोज 40 ओवर बॉलिंग तो कर ही लेते थे.

दिलशान ने कहा, "अब हमारे पास उस तरह का गेंदबाज नहीं है. इसलिए हमें पांच गेंदबाज शामिल करने होंगे." उन्होंने कहा कि श्रीलंका को अब दूसरा मुरली नहीं मिल सकता. वह बिलकुल अलग तरह के क्रिकेटर थे. मुरली के बाद श्रीलंका की टीम में सूरज रांदीव और अजंता मेंडिस के तौर पर दो स्पिनर हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः एस गौड़

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