पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश में तूफ़ान से 90 की मौत
२६ मई २००९समुद्री तूफ़ान आइला से पश्चिम बंगाल के पांच ज़िले प्रभावित हुए हैं और आम जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. तूफ़ान से कम से कम 36 लोगों की मौत हुई है. अधिकतर मौतें घरों के ढहने और पेड़ों के गिरने की वजह से हुई हैं. राजधानी कोलकाता में भी सड़कों पर पानी भर गया है और संचार व्यवस्था को नुक़सान पहुंचा है. लगातार बारिश हो रही है जबकि 100-120 किमी प्रति घंटे की गति से हवाएं चल रही हैं जिससे हवाई यातायात ठप्प हो गया है. कई इलाक़ों में ट्रेनों को रोक दिया गया है.
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य ने कहा है कि सेना को एलर्ट कर दिया गया है जबकि सीमा सुरक्षा बल और पुलिस ने सुंदरबन में राहत काम शुरू कर दिया है. केंद्र सरकार में बंगाल के मंत्रियों प्रणब मुखर्जी और ममता बैनर्जी ने भी सेना बुलाने की मांग की थी.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तूफ़ान में मारे गए लोगों के परिजनों को 2 लाख रुपए की सहायता राशि की घोषणा की है. मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य और रेलमंत्री ममता बनर्जी आज प्रभावित इलाक़ों का दौरा करेंगे.
सुंदरबन इलाक़े से अनिल मिस्री ने रॉयटर्स एजेंसी को फ़ोन पर बताया कि उनका गांव आधा पानी में डूब गया है और उन्हें शिविरो में रहना पड़ रहा है. पर्यटकों से होटल के कमरों में रूकने का आग्रह किया जा रहा है. तूफ़ान से उड़ीसा के कुछ इलाक़े भी प्रभावित हुए हैं.
बांग्लादेश में चक्रवात से सबसे ज़्यादा खुलना ज़िला हुआ है जो पश्चिम बंगाल के सुंदरबन के पास का इलाक़ा है. अधिकारियों का का कहना है कि तूफ़ान और घरों के ढहने से कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई है. चटगांव में एक अधिकारी सलाहुद्दीन चौधरी ने न्यूज़ एजेंसियों को बताया कि हज़ारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है लेकिन कई लोग अभी भी प्रभावित इलाक़ों में फंसे हुए हैं.
नवम्बर 2007 में भी सिद्र चक्रवात से बांग्लादेश के तटीय इलाक़ों में भारी नुक़सान हुआ था और उसमें 3,500 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 20 लाख लोगों को विस्थापित होना पड़ा था.
रिपोर्ट - एजेंसियां, एस गौड़
संपादन - ए जमाल