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परमाणु हथियारों को बढ़ाने की अमेरिकी योजना का विरोध

५ फ़रवरी २०१८

जर्मन विदेश मंत्री जिगमार गाब्रिएल ने अमेरिकी परमाणु क्षमताओं का विस्तार करने की राष्ट्रपति ट्रंप की योजना की निंदा की है. इससे पहले रूस, चीन और ईरान भी इस मुद्दे पर अमेरिका की आलोचना कर चुके हैं.

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Sigmar Gabriel
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Kappeler

गाब्रिएल ने कहा कि अब यह जिम्मेदारी यूरोप के ऊपर आती है कि वह दुनिया भर में परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए कदम बढ़ाए. उन्होंने रविवार को कहा, "शीत युद्ध के दौर की तरह, परमाणु हथियारों की नई रेस से यूरोप में मौजूद हम लोगों पर खास तौर से खतरा है." उनके मुताबिक, "इसीलिए जरूरी है कि हम लोगों को हथियारों पर नियंत्रण और निरस्त्रीकरण के लिए नए सिरे से पहल करनी चाहिए. "

शुक्रवार को ट्रंप प्रशासन ने अपनी नई सैन्य और परमाणु रणनीति के तहत अमेरिकी परमाणु क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया. इसी के जबाव में जर्मन विदेश मंत्री का बयान आया है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने अपने दस्तावेज "न्यूक्लियर पॉस्चर रिव्यू" में रूस और चीन को अमेरिका के सामने मौजूद सबसे बड़ा खतरा बताया है.

गाब्रिएल ने माना कि रूस ने जब से यूक्रेन के क्रीमिया को अपने क्षेत्र में मिलाया है तब से उसे लेकर न सिर्फ यूरोप में बल्कि अमेरिका में भरोसा कम हुआ है. उन्होंने कहा, "ऐसे संकेत हैं कि रूस ना सिर्फ अपनी पारंपरिक सैन्य क्षमताओं को मजबूत कर रहा है बल्कि वह अपने परमाणु हथियारों को भी बढ़ा रहा है." उन्होंने कहा कि जर्मनी नए हथियार बनाने की बजाय अपने सहयोगियों के साथ मिल कर निरस्त्रीकरण पर जोर देगा.

अमेरिका के परमाणु हथियार लंबे समय से जर्मन राजनीति में एक अहम मुद्दा रहे हैं. जर्मनी का अपना कोई परमाणु हथियार कार्यक्रम नहीं है. लेकिन शीत युद्ध के बाद से ही अमेरिका ने जर्मनी में अपनी अच्छी खासी सैन्य मौजूदगी के अलावा लगभग 20 परमाणु हथियारों को भी तैनात कर रखा है. पिछले आम चुनावों में एसपीडी पार्टी की तरफ से चांसलर पद के उम्मीदवार मार्टिन शुल्त्स ने मांग की थी कि जर्मनी से अमेरिका के सभी बमों को हटाया जाए. हालांकि उन्हें चुनाव में नाकामी का मुंह देखना पड़ा.

एके/आईबी (रॉयटर्स, डीपीए)