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'परमाणु से बिजली बने, बम नहीं'

२९ सितम्बर २००९

भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि परमाणु ऊर्जा के ज़रिए जलवायु परिवर्तन से लड़ा जा सकता है. नई दिल्ली में शुरू हुई इंटनेशनल एटॉमिक एनर्जी कॉन्फ्रेंस में मनमोहन ने परमाणु आतंकवाद को भी एक बड़ी चुनौती बताया.

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ऊर्जा बढ़े, आतंकवाद नहींतस्वीर: AP Photo

परमाणु ऊर्जा के मसले पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए भारत को परमाणु ऊर्जा की ज़रूरत है. अपने परमाणु कार्यक्रम को शांतिपूर्ण बताते हुए प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से अपील की कि वो ऊर्जा की ज़रूरत को पूरा करने में भारत की मदद करें.

पीएम ने कहा कि, "अंतरराष्ट्रीय परमाणु उद्योग के पास हमारे परमाणु कार्यक्रम को और बड़ा करने का मौका है." उनके मुताबिक भविष्य सवा अरब लोगों की ऊर्जा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भारत को अभी से बड़ा सोचना होगा.

इस दौरान भारतीय प्रधानमंत्री ने परमाणु प्रसार पर भी चिंता जताई. परमाणु अप्रसार संधि का ज़िक्र किए बगैर मनमोहन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था परमाणु प्रसार को रोकने में सफल नहीं हुई. इसे आतंकवाद से जोड़ते हुए पीएम ने कहा कि आज परमाणु आतंकवाद दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है. उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि परमाणु अप्रसार की नीतियों को व्यापक और भेदभाव रहित होना चाहिए. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परमाणु हथियार कम करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति की कोशिशों की तारीफ़ करते हुए मनमोहन ने कहा उनके प्रयासों से आशा की नई किरण जग रही है.

इस तीन दिवसीय सम्मेलन में कई देशों के प्रतिनिधि और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख मोहम्मद अल बरदेई भी भाग ले रहे हैं.

रिपोर्ट: पीटीआई/ ओ सिंह

संपादन: ए जमाल