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पत्रकार की मौत पर पाकिस्तान और अमेरिका में तनातनी

८ जुलाई २०११

पत्रकार सलीम शहजाद की हत्या के मामले ने पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्तों में और तनाव पैदा कर दिया है. अमेरिका ने आरोप लगाया है कि हत्या पाक सरकार ने ही कराई. पाकिस्तान का इंकार.

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NUR ZUR VERWENDUNG IN DER BERICHTERSTATTUNG ÜBER DEN FALL Shahzad This undated photo provided by Adnkronos news agency shows Pakistani journalist and Adnkronos International correspondent Syed Saleem Shahzad. The Pakistani journalist who investigated al-Qaida's alleged infiltration of the navy and told a rights activist he'd been threatened by the country's intelligence agencies was found dead in Islamabad Tuesday, May 31, 2011. (Foto:Cristiano Camera, Courtesy of Adnkronos/AP/dapd) EDITORIAL USE ONLY, MANDATORY CREDIT, NO SALES COURTESY OF ADNKRONOS AGENCY, EDITORIAL USE ONLY, MANDATORY CREDIT, NO SALES, AP PROVIDES ACCESS TO THIS PUBLICLY DISTRIBUTED HANDOUT PHOTO TO BE USED ONLY TO ILLUSTRATE NEWS REPORTING OR COMMENTARY ON THE FACTS OR EVENTS DEPICTED IN THIS IMAGE.
सैयद सलीम शहजादतस्वीर: dapd

सैयद सलीम शहजाद हत्या मामले में पाकिस्तान सरकार का हाथ होने के अमेरिकी आरोप की पाक्सितान ने कड़ी आलोचना की है. अमेरिकी सेना के एक उच्च अधिकारी द्वारा दिए गए बयान को पाकिस्तान ने 'बेहद गैरजिम्मेदाराना' बताया है. पाकिस्तान सरकार के एक प्रवक्ता ने सरकारी समाचार एजेंसी एपीपी को बताया, "बेशक यह एक गैरजिम्मेदाराना बयान है. इस से मामले की जांच में कोई मदद नहीं मिलेगी."

पाकिस्तान ने मामले की जांच के लिए एक न्यायिक कमीशन नियुक्त किया है. प्रवक्ता ने कहा, "यदि इस तरह का कोई भी बयान जारी किया जाता है तो हम उसे कमीशन की कार्रवाई में अड़चन के रूप में देखेंगे. ऐसे लग रहा है कि कुछ तत्व इस मामले को लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार और पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल करना चाह रहे हैं."

A Pakistani journalist protests against a killing of a Pakistani journalist Syed Saleem Shahzad, in Hyderabad, Pakistan on Wednesday, June 1, 2011. Hundreds are mourning a Pakistani journalist slain this week after he reported being threatened by intelligence agents. Syed Saleem Shahzad wrote about terrorism and security for the Asia Times Online and other publications. Police said the 40-year-old's body bore signs of torture when it was found Tuesday after he had been missing for two days. (AP Photo/Pervez Masih
तस्वीर: ap

अमेरिका का आरोप

गुरूवार को अमेरिकी सेना के एक उच्च अधिकारी ने यह बात कही थी कि हो सकता है कि इस्लामाबाद ने ही पत्रकार सलीम शहजाद का कत्ल कराया. पत्रकार के कत्ल में पाकिस्तान सरकार का हाथ होने की मीडिया में फैली रिपोर्टों के बारे में जब एडमिरल माइक मुलेन से पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैंने अब तक ऐसा कुछ नहीं देखा है जिसके चलते मैं यह कह सकूं कि ये रिपोर्टें गलत हैं." मुलेन ने कहा कि इस हादसे के कारण वह बहुत चिंतित हैं, "यह पहला मौका नहीं है. किसी ना किसी कारण से वहां ऐसा होता आया है." पेंटागन में हुई प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा, "इस तरीके से आगे नहीं बढ़ा जा सकता. साफ तौर पर कहा जाए तो यह एक तरीका है, गोल गोल घूमकर गलत दिशा में जाने का."

आईएसआई का हाथ

सलीम शहजाद का अपहरण 29 मई को राजधानी इस्लामाबाद में हुआ और दो दिन बाद उनकी लाश मिली. अपहरण के समय शहजाद एक टीवी चैनल के टॉक शो में हिस्सा लेने जा रहे थे. अपहरण से दो ही दिन पहले उन्होंने नौसेना अधिकारियों और अल कायदा के संबंधों के बारे में एक लेख लिखा था.

मुलेन से जब पूछा गया कि क्या पत्रकार की हत्या के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है, तो उन्होंने कहा कि वह इस बारे में अभी निश्चित तौर पर कुछ कह नहीं सकते. न्यूयॉर्क टाइम्स ने सोमवार को अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से यह खबर छापी की सलीम शहजाद की हत्या के आदेश आईएसआई ने दिए. आईएसआई ने इन आरोपों को निराधार बताया है.

People carry a coffin containing the dead body of Pakistani journalist Syed Saleem Shahzad at Karachi airport in Pakistan on Wednesday, June 1, 2011. Hundreds are mourning a Pakistani journalist slain this week after he reported being threatened by intelligence agents. (AP Photo/Fareed Khan)
तस्वीर: ap

बिगड़ते रिश्ते

पहले पाकिस्तान में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के कॉन्ट्रैक्टर रेमंड डेविस की गिरफ्तारी, फिर अमेरिका का बगैर पाकिस्तान सरकार की इजाजत के बिन लादेन को मार गिराना और अब सलीम शहजाद की मौत पर टिप्पणियां. पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में तनाव बढ़ता ही जा रहा है. इस बात को मुलेन ने भी स्वीकार किया, "हम अभी बहुत, बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं... हम बेहद तनाव में हैं."

मुलेन ने कहा कि अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान के साथ रिश्ते संभले रहें और इसीलिए पाकिस्तान को वित्तीय सहायता मिलना जारी रहेगा. कई सांसदों ने मांग की है कि अमेरिका को पाकिस्तान को मदद देना बंद कर देना चाहिए. मुलेन ने इसे एक बड़ी गलती बताते हुए कहा, "मेरे ख्याल से अगर ऐसा हुआ तो यह वर्तमान और भविष्य के लिए भारी भूल होगी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ ईशा भाटिया

संपादन: महेश झा

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