नेता जो इस बार दूर हैं बिहार चुनाव से
कोरोना के साए में जब अक्टूबर और नवंबर में बिहार विधान सभा के चुनाव होंगे तो कुछ महत्वपूर्ण चेहरे सामने नहीं होंगे. उनमें राजद के लालू यादव प्रमुख हैं, जो इस समय चारा घोटाले में सजा काट रहे हैं.
लालू प्रसाद यादव
जेपी आंदोलन की उपज व सामाजिक न्याय के पुरोधा लालू प्रसाद यादव 1990 से 97 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे. उनकी पत्नी राबड़ी देवी के नेतृत्व में 2005 तक बिहार में उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने शासन किया. चारा घोटाले के मामले में फिलहाल लालू प्रसाद रांची जेल में बंद हैं. वे लोकसभा के पहले सांसद हैं जिन्हें सजा मिलने के कारण सदन की सदस्यता के अयोग्य ठहराया गया.
रामविलास पासवान
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक व दलितों की राजनीति करने वाले रामविलास पासवान आठ बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं. वर्तमान में वे राज्यसभा के सदस्य और नरेंद्र मोदी की सरकार में खाद्य आपूर्ति व उपभोक्ता मामलों के मंत्री हैं. बीते कुछ दिनों से दिल्ली के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीतने के लिए मशहूर पासवान की अनुपस्थिति में उनके पुत्र चिराग नैया संभालेंगे.
शरद यादव
मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में जन्मे शरद यादव मुख्य रूप से बिहार की राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं. वे चार बार मधेपुरा (बिहार), दो बार जबलपुर (मध्यप्रदेश) व एक बार बदायूं (उत्तर प्रदेश) से सांसद बने. वर्तमान में वे लोकतांत्रिक जनता दल के अध्यक्ष हैं. 75 वर्षीय शरद यादव अभी बीमार चल रहे हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने बिहार में विपक्षी महागठबंधन को सत्ता में लाने की बात कह समर्थकों में उत्साह भरा था.
प्रशांत किशोर
चुनावी रणनीतिकार व जनता दल यूनाइटेड के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर चुनावी मौसम में नजर नहीं आ रहे. बिहार को दस साल में देश के अग्रणी राज्यों की सूची में शामिल कराने के लिए योजना लेकर आने का दावा करने वाले प्रशांत किशोर का जुलाई के अंतिम हफ्ते से कोई अता-पता नहीं है. हां, सोशल मीडिया में ‘बात बिहार की’ नाम से बने पेज पर वे सक्रिय जरूर हैं. समझा जाता है वे मिशन बंगाल पर काम कर रहे हैं.
मोहम्मद शहाबुद्दीन
राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन इस बार भी चुनावों से दूर रहेंगे. सिवान के बाहुबली सांसद दो भाइयों को तेजाब से मार डालने के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. शहाबुद्दीन फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. नीतीश कुमार को परिस्थितियों के नेता की संज्ञा देने वाले शहाबुद्दीन लालू प्रसाद को अपना नेता मानते हैं. एक वक्त था जब सिवान की हर दुकान में उनकी तस्वीर टंगी होती थी.
जगन्नाथ मिश्र
तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे जगन्नाथ मिश्र का 2019 में निधन हो गया. अड़तीस साल की उम्र में 1975 में जब वे बिहार के मुख्यमंत्री बने तो प्रांत के सबसे युवा मुख्यमंत्री थे. अपने राजनीतिक जीवन के आखिरी दिनों में वे जनला दल यूनाइटेड में शामिल हो गए थे. चारा घोटाले में 44 अन्य लोगों के साथ वे भी अभियुक्त थे. सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें दो मुकदमों में बरी कर दिया था.