नागरिकता कानून: जुम्मे पर फिर हुए प्रदर्शन
२७ दिसम्बर २०१९शुक्रवार को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद समेत देश के अलग अलग हिस्सों में कई संगठनों और समूहों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की घोषणा की है. उत्तर प्रदेश में पुलिस की भारी तैनाती की गई है और राज्य के कुल 75 में से 21 जिलों में इंटरनेट की सेवाएं बंद कर दी गई हैं. प्रशासन का कहना है कि जुमे की नमाज को देखते हुए भी ये इंतजाम किए गए हैं. उत्तर प्रदेश में इन प्रदर्शनों में अभी तक कम से कम 16 लोग मारे गए हैं. वहीं देश भर में दो हफ्तों से जारी प्रदर्शनों में 25 लोगों की जान जा चुकी है.
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा है कि वैसे तो प्रदेश में पिछले चार दिन से शांति है, फिर भी पुलिस सतर्क है. उन्होंने लोगों को अफवाहों से दूर रहने की नसीहत दी है.
पिछले सप्ताह राज्य में प्रदर्शनों के दौरान जो हिंसा हुई थी, उसके बाद यह पहली जुमे की नमाज है. बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में 1,113 लोग हिरासत में हैं और इनके अलावा और 5,558 लोगों को एहतियातन हिरासत में रखा गया हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ जरूरत से ज्यादा बल का प्रयोग करने के आरोप लगे हैं. सोशल मीडिया पर कई वीडियो आए हैं जिनमें पुलिस को लोगों के घरों और दुकानों में घुसकर उन्हें मारते पीटते देखा जा सकता है.
दूसरी तरफ, यूपी पुलिस ने वीडियो फुटेज की मदद से प्रदर्शनकारियों की पहचान भी की है और उनकी तस्वीरें के पोस्टर बना कर जगह जगह लगाए हैं. कई जगह प्रदर्शनकारियों को सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए नोटिस भेजे गए है और चेतावनी दी गई है कि अगर भरपाई की राशि समय से जमा नहीं की तो उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी. यह राशि कुल मिला के 50 लाख रुपये के आसपास है. उत्तर प्रदेश के अलावा बीजेपी शासित एक और राज्य कर्नाटक में भी प्रदशर्नकारियों को ऐसे ही नोटिस भेजे गए हैं.
इस बीच, दिल्ली में भी कुछ इलाकों में भी धारा 144 लागू कर दी गई है, जिसके तहत चार से ज्यादा लोगों के एक जगह पर जमा होने पर प्रतिबंध है. दिल्ली पुलिस ने सिपाहियों और अर्धसैनिक बलों की 15 टुकड़ियों की तैनाती की है. पुलिस ने यह भी कहा कि वो सीलमपुर, जाफराबाद, वेलकम और मुस्तफाबाद में फ्लैग मार्च कर रही है.
दिल्ली में जामिया की कोआर्डिनेशन समिति ने दिल्ली स्थित यूपी भवन का घेराव आयोजित किया. वहां पहले से ही पुलिस की घेराबंदी थी और प्रदर्शन शुरू होते ही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया.
इसके अलावा दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के बाहर जुम्मे की नमाज के तुरंत बाद नागरिकता कानून के विरोध में भारी भीड़ इकठ्ठा हो गई.
कुछ प्रदर्शनकारियों ने जोर बाग से प्रधानमंत्री आवास तक पैदल मार्च निकालने की कोशिश की. मार्च का उद्देश्य नागरिकता कानून के विरोध के साथ साथ पुलिस से ये मांग करना भी था कि वो हिरासत से लोगों को रिहा करे.
चारु कार्तिकेय
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