नक्सलियों से लड़ रहे हैं भूखे प्यासे जवान
३ जुलाई २०१०सीआरपीएफ की पत्रिका सीआरपीएफ समाचार में इंस्पेक्टर जनरल आशुतोष शुक्ला ने कहा है कि नक्सलियों से लड़ रहे उनके जवान लाचार स्थिति में हैं. शुक्ला ने अपने लेख में कई मुश्किलें गिनाई हैं. उन्होंने लिखा है, ''सही ढंग से खाना और पानी भी नहीं मिल पा रहा है.'' आईजी के मुताबिक गर्मी और उमस भरे मौसम में जवानों को इन चीजों की जरूरत पड़ती है.
शुक्ला का कहना है कि उनके जवान गर्मी, घने जंगल और मच्छरों के बीच लंबी दूरी तक पैदल चल रहे हैं. इस स्थिति पर सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने मायूस जताई है. उनके मुताबिक ऑपरेशन वाले इलाकों में लोगों की नक्सलियों के प्रति सहानूभूति है. नक्सलियों को मिल रहे पैसे पर भी सवाल उठाए गए हैं. सीआरपीएफ का मानना है कि नक्सली विकास के नाम पर भेजे जा रहे पैसे को हड़प रहे हैं. स्थानीय ठेकेदारों और सरकारी कर्मचारियों से भी धन की उगाही की जा रही है.
यह पहला मौका है जब सीआरपीएफ समाचार में इस तरह का लेख छपा है. हाल के दिनों में नक्सलियों के हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स को खासा नुकसान झेलना पड़ा है. आए दिन उसके जवानों की मौत हो रही है. इसी साल दो बड़े हमलों में नक्सली करीबन 100 जवानों की हत्या कर चुके हैं. इसी हफ्ते छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में हुए एक हमले में 27 जवानों की मौत हो गई. रिपोर्टों के मुताबिक कई जवानों को बेरहमी से मारा गया.
उधर, आंध्र प्रदेश में आंध्र प्रदेश पुलिस की स्पेशल फोर्स ने नक्सलियों के टॉप नेता चेरुकुरी राजकुमार उर्फ आजाद को मारने का दावा किया है. पुलिस के मुताबिक मुठभेड़ में नक्सलियों का प्रवक्ता आजाद मारा गया. आजाद नक्सलियों का तीसरा सबसे बड़ा नेता बताया जाता था. पुलिस का कहना है कि आजाद का मारा जाना नक्सलियों के लिए एक बड़ा झटका है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एस गौड़