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धोनी की दुविधाः युवराज या रैना

१४ जुलाई २०११

इंग्लैंड के खिलाफ अगले हफ्ते होने वाले टेस्ट मैच से पहले भारतीय कप्तान के सामने एक बड़ी दुविधा आ सकती है. मध्यक्रम में युवराज सिंह और सुरेश रैना दो पक्के दावेदार हैं और इनमें से किसी एक को ही जगह मिल सकती है.

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तस्वीर: UNI

युवी और रैनाः दोनों ही बेहतरीन खब्बू बल्लेबाज, दोनों आक्रामक क्रिकेटर, दोनों शानदार फील्डर और मुश्किल कैच लेने में माहिर और दोनों ही अच्छे गेंदबाज. रैना ने वेस्ट इंडीज के दौरे पर टेस्ट मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया और 46 की औसत से 232 रन बनाए. दूसरी तरफ युवराज सिंह फॉर्म में लौटे हैं और उन्होंने वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया है.

Indien Suresh Raina
तस्वीर: AP

रैना की तारीफ सुनील गावस्कर जैसे बल्लेबाज कर चुके हैं और कह चुके हैं कि रैना वेस्ट इंडीज के गेंदबाजों की शॉर्ट पिच से उछलती गेंदों को खेलने में सक्षम हैं. दूसरी तरफ युवराज सिंह के आंकड़े देखें तो पिछले 11 टेस्ट मैचों में उन्होंने सात अर्धशतक लगाए हैं. इंग्लैंड के खिलाफ भी उनका औसत 46 रन से ज्यादा है.

रैना के पक्ष में दलील दी जा सकती है कि वह युवा हैं और नेतृत्व की क्षमता रखते हैं. ऐसे में उन्हें ज्यादा मौके दिए जाने चाहिए और सिर्फ अनुभव की कमी की वजह से टीम से बाहर नहीं किया जाना चाहिए. जबकि युवराज सिंह का 12 साल का टेस्ट करियर बहुत अच्छा नहीं रहा है लेकिन इन दिनों वह खासे फॉर्म में हैं और टीम में शामिल होने का माद्दा रखते हैं.

युवराज की मौजूदगी ही विपक्षी टीम के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है क्योंकि वह टीम में नई जान फूंकने की हैसियत रखते हैं. लेकिन हाल में कई बार वह दिए गए मौकों का सही फायदा नहीं उठा पाए. दूसरी तरफ रैना हैं, जिन्होंने मौका मिलने पर अच्छा प्रदर्शन किया है.लेकिन दूसरी बात यह भी है कि 22 साल के रैना अभी युवा हैं और वह कुछ और इंतजार कर सकते हैं. उन्हें टीम में बेहतरीन फील्डर माना जाता है और वह स्लिप से लेकर कवर्स तक में शानदार तरीके से गेंद रोक सकते हैं. दूसरी तरफ युवराज हैं, जो इंग्लैंड के बल्लेबाजों, खास तौर पर केविन पीटरसन को अच्छा खासा परेशान कर सकते हैं.

Yuvraj SIngh Indien
तस्वीर: AP

जहां तक बैटिंग का सवाल है, जाहिर है कि युवराज के बल्ले में रैना के बैट से ज्यादा ताकत है. वनडे टीमों का हिस्सा बन चुके रैना टेस्ट टीम में जगह बनाने को बेताब हैं, तो युवराज सिंह अपने बचे हुए करियर में ज्यादा टेस्ट खेलने की कोशिश में हैं.

ऐसे में सबसे बड़ी दुविधा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के सामने है कि वह चेन्नई सुपर किंग्स में अपने साथी सुरेश रैना को आखिरी 11 में जगह दें या वर्ल्ड कप के मैन ऑफ द सीरीज और धांसू क्रिकेटर युवराज सिंह को.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः महेश झा

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