धूप से करें खुद की हिफाजत
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक त्वचा के कैंसर के मामले दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहे हैं. सूर्य की किरणों से त्वचा की रक्षा कैसे करनी है, जानिए यहां...
दोपहर की धूप से बचें
सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच सूर्य की किरणों से बचने की कोशिश करें. इस समय पराबैंगनी किरणों का विकिरण सर्वाधिक होता है. संवेदनशील त्वचा वालों को और भी सावधानी बरतने की जरूरत है. छांह में पराबैंगनी किरणों का असर कम होता है, लेकिल फिर भी वहां भी आप इससे पूरी तरह नहीं बचे होते हैं.
ढंग के कपड़े
सही कपड़े आपको पराबैंगनी किरणों के असर से काफी हद तक बचा सकते हैं. पूरी पैंट और पूरी बाजू की शर्ट पहनें. सिर भी ढक लें तो और भी अच्छा है. वस्त्र आपको पराबैंगनी किरणों से कितना बचाएंगे, यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह कपड़ा कौन सा है, उसकी बुनाई कैसी है, कितना मोटा है. कपड़ों के लिए पराबैंगनी किरणों से रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय यूवी मानक 801 है.
सही सन प्रोटेक्टर का चयन
हर किसी की त्वचा अलग होती है, ऐसा सनस्क्रीन चुनें जो आपकी त्वचा के लिए सबसे सही हो. सुनिश्चित करें कि आपके सनस्क्रीन में यूवीए फिल्टर हो. 2007 से इस तरह के उत्पाद यूवीए लोगो के साथ आते हैं. यूवीए किरणें त्वचा के कैंसर के लिए बड़ी हद तक जिम्मेदार हैं.
कितनी देर का हो रक्षा चक्र
आमतौर पर त्वचा खुद अपनी रक्षा 5 से 20 मिनट तक करती है, निर्भर करता है कि त्वचा कैसी है. सनस्क्रीन का एसपीएफ निर्धारित करता है कि आप कितनी और देर सूरज में रह सकते हैं. उदाहरण के तौर पर त्वचा की अपनी क्षमता अगर 5 मिनट की है तो एसपीएफ 50 वाला सनस्क्रीन त्वचा की 4 घंटे तक रक्षा करेगा.
खूब सनस्क्रीन लगाएं
एक वयस्क को पूरे शरीर पर लगाने के लिए औसतन 35 ग्राम सनस्क्रीन की जरूरत होती है, यानि करीब चार टेबलस्पून. ध्यान रखें कि बाहर निकलने से कम से कम 20-30 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाएं.
चश्मा लगाएं
तपती धूप में ज्यादा देर बाहर रहना आपकी आंखों को भी दूरगामी नुकसान पहुंचा सकता है. कई सालों तक इस बात का पता भी नहीं चलता. इसके अलावा आंखों में जलन, खुजली, लाल होना या धुंधलेपन की शिकायत भी हो सकती है.
छतरी का इस्तेमाल
काली छतरियों से भी खासी मदद मिलती है. उन पर अलमुनियम की एक परत होती है जिससे कि छतरी के पार बहुत कम ही किरणें गुजर पाती हैं.
पानी में भी रहें सतर्क
धूप में पानी के अंदर होना भी खतरनाक है क्योंकि पानी की सतह पराबैगनी किरणों की तीव्रता को और तेज कर देती है. ये पानी की सतह के करीब आधा मीटर अंदर तक प्रवेश कर जाती हैं. क्योंकि स्विमिंग से त्वचा ठंडी हो जाती है इसलिए इन किरणों से त्वचा के लाल होने पर हम बाद में गौर करते हैं. पानी में जाने के लिए जरूरी है कि वॉटरप्रूफ सनस्क्रीन इस्तेमाल किया जाए.