धुआं धुआं जिंदगी
बढ़ते यातायात और उद्योगों के कारण दुनिया के कई देशों में भारी वायु प्रदूषण है. सुबह और शाम धुएं की इतनी मोटी परत हवा में होती है कि कुछ दिखाई नहीं देता. दुनिया के कुछ शहरों की हवा पर एक नजर.
ईरान
यहां का अहवाज दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में नंबर वन है. धुएं का इतना बुरा असर है कि यहां जीवन प्रत्याशा की दर देश में सबसे कम है.
चीन
बीजिंग का दम धुएं के बादल में घुट रहा है. यहां प्रति घन मीटर 500 माइक्रोग्राम महीन धुएं और धूल के कण हैं. मास्क के बिना घर से बाहर निकलना दूभर है.
मिस्र
काहिरा की हवा इतनी प्रदूषित है कि इससे होने वाली बीमारियों के कारण यहां हर साल 10 से 25 हजार लोग मारे जाते हैं. इस प्रदूषण का कारण बढ़ता यातायात और उद्योग हैं.
मंगोलिया
राजधानी उलान बातोर दुनिया का दूसरे नंबर का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है. जमा देने वाली ठंड में यहां गर्मी का एक ही साधन है, लकड़ी जलाना.
सऊदी अरब
रियाद में धुएं के साथ ही रेतीले तूफान के कण भी मिल जाते हैं, जो हवा में कणों को बढ़ा देते हैं. तेज धूप के कारण परेशानी और बढ़ जाती है.
पाकिस्तान
लाहौर शहर में गाड़ियों की बढ़ती समस्या प्रदूषण का कारण है ही, कचरे को जलाने से होने वाले प्रदूषण में रेगिस्तान से उड़ी प्राकृतिक धूल भी मिल जाती है.
भारत
नई दिल्ली में पिछले 30 साल में गाड़ियां एक लाख अस्सी हजार से बढ़कर पैंतीस लाख पहुंच गई हैं. इसके अलावा कोयले से चलने वाले बिजली घर प्रदूषण को और बढ़ाते हैं.