देवघर बैद्यनाथ धाम में भगदड़ से 11 की मौत
१० अगस्त २०१५पुलिस के अनुसार देवघर में सुबह जब मंदिर का दरवाजा खुला तो हजारों लोगों ने जबरदस्ती मंदिर में घुसने की कोशिश की. इसकी वजह से भगदड़ मच गई. पुलिस अधीक्षक पी मुरुगन ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि श्रावणी मेले के दूसरे सोमवार को बाबा वैद्यनाथ धाम पर मंदिर में पूजा अर्चना के लिए तेजी से आगे जाने के दौरान यह भगदड़ हुई. घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
मंदिर में घुसने की लाइन में लगी एक श्रद्धालु निधि कुमारी ने बताया कि अचानक धक्कामुक्की हुई और सभी गिर पड़े. वह किसी तरह कुचले जाने से बची. एक अन्य श्रद्धालु दिलीप कुमार ने कहा कि उसने भीड़ से भागकर अपनी जान बचाई. सावन में देवघर के वैद्यनाथधाम में शिव मंदिर में जल चढ़ाने की परंपरा है. सोमवार का दिन खासकर पवित्र माना जाता है.
लोकसभा में दो मिनट का मौन रखकर देवघर की घटना पर शोक व्यक्त किया गया. अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही इस घटना का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, "यह सभा इस दुखद दुर्घटना पर अपना दुख व्यक्त करती है तथा शोकसंतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवदेना व्यक्त करती है और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करती है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भगदड़ में कावड़ियों की मौत पर शोक व्यक्त किया. मोदी ने कहा, "भगदड़ के कारण कावड़ियों की मौत पर मैं दुखी हूं. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदना और प्रार्थना मृतकों के परिजनों के साथ है. मैं घायलों के जल्दी से ठीक होने की प्रार्थना करता हूं." मुख्यमंत्री रघुवर दास ने घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा के साथ ही घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए हैं
भारत में धार्मिक समारोहों में अकसर भगदड़ की जानलेवा घटनाएं होती रहती हैं. जुलाई में आंध्र प्रदेश में नदी में स्नान करने के दौरान हुई भगदड़ में 27 लोग मारे गए थे. अक्टूबर 2013 में मध्य प्रदेश में हुई भगदड़ की घटना में 110 लोग मारे गए थे.
एमजे/आईबी (रॉयटर्स, वार्ता)