दूरसंचार मंत्रालय का काम कपिल सिब्बल को
१५ नवम्बर २०१०रविवार को ही डीएमके नेता ए राजा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन पर स्पैक्ट्रम घोटाले में शामिल होने के आरोप लगे थे. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जारी है. सुप्रीम कोर्ट ने कुछ कड़ी टिप्पणियां कर दी थीं जिसके बाद उन पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया था. हालांकि उन्होंने कई बार कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे लेकिन आखिरकार रविवार देर शाम उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंप दिया.
ए राजा के जाते ही कयास लगने लगे थे कि अब टेलिकॉम मिनिस्ट्री किसे सौंपी जाएगी. बड़े पोर्टफोलियो में शामिल दूरसंचार मंत्रालय के लिए हमेशा ही डीएमके दावा करती रही है. करुणानिधि के भतीजे दयानिधि मारन यूपीए की पिछली सरकार में भी 2004 से 2007 तक दूरसंचार मंत्री रहे थे. पिछले साल दोबारा सरकार बनने के बाद भी उन्होंने यही मंत्रालय पाने के लिए काफी कोशिशें की थीं.
माना जा रहा है कि सरकार संचार मंत्री के पद को कुछ वक्त तक खाली ही रखने के मूड में है और इसीलिए कपिल सिब्बल को इसका अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया गया है ताकि किसी तरह के विवाद से बचा जा सके.
पृथ्वीराज चव्हाण के महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनकर चले जाने के बाद जो पद खाली हुआ है उसका कामकाज संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी नारायणस्वामी को सौंपा गया है. चव्हाण प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री थे.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार