दुनिया के इन देशों में भी ऑड-ईवन
भारत में प्रदूषण का भयावह स्थिति को देखते हुए अब दिल्ली में ऑड-ईवन फॉर्मूला इस्तेमाल में आने लगा है. ऑड-ईवन फॉर्मूला सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य शहरों में अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल किया जाता रहा है.
बीजिंग
चीन की राजधानी में साल 2008 के ऑलपिंक खेलों के बाद प्रदूषण रोकने के लिए इसे लागू किया गया. इस दौरान यहां प्रदूषण में तकरीबन 20 फीसदी की कमी आयी. इतना ही नहीं, साल 2011 में शहर के प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए कारों की बिक्री पर रोक लगा दी गयी थी.
पेरिस
फ्रांस की राजधानी में भी ऑड-ईवन के इस फॉर्मूले को इस्तेमाल में लाया गया है. इन दिनों यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट मुफ्त कर दिया जाता है. ये नियम अब तक यहां कई बार लागू किया जा चुका है.
मैक्सिको
इस फॉर्मूले को मैक्सिको ने सबसे पहले साल 1989 में लागू किया. यह दिल्ली के फॉर्मूले से थोड़ा अलग है. इसे यहां हफ्ते के चुनिंदा दिनों में लागू किया गया. मसलन सोमवार को वो गाड़ियां नहीं चल सकती थी जिनका नंबर 5 या 6 पर खत्म होता. वहीं मंगलवार को उन गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया गया जिनका नंबर 7 या 8 पर खत्म होता और ऐसे ही ये सिलसिला यहां चलता रहता है.
इटली
मिलान और रोम में भी इसे आजमाया जा चुका है. इन दोनों शहरों में इसे ठंड के मौसम मे लागू किया गया था. यहां कुछ खास घंटों में, कुछ खास दिन निजी वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया. इसे इटली के फ्लोरेंस, नेप्लस आदि जगहों पर कुछ खास मौकों पर भी लागू किया गया. हालांकि प्रशासन इसे एक अस्थायी तरीका ही मानता है.
बोगोटा
कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में इसे लागू किया गया जा चुका है. यहां गाड़ियों पर अमूमन दिन के कुछ खास घंटों के दौरान ही प्रतिबंध लगाया गया. कुछ रिपोर्ट कहती हैं कि यह नीति यहां ज्यादा सफल नहीं रही क्योंकि ड्राइवर्स ने अन्य समय में ज्यादा गाड़ी चलाना शुरू कर दिया जिससे प्रदूषण का स्तर कुछ खास नहीं घटा.