दुनिया के अन्य हिस्सों से अलग यूरोप में बढ़ रहा वन क्षेत्र
२९ जुलाई २०१९वनों की कटाई, शहरी क्षेत्रों में वृद्धि और जलवायु परिवर्तन की वजह से पूरी दुनिया में जंगलों का क्षेत्रफल कम हो रहा है लेकिन यूरोप में इस समय इसका उल्टा है. यूरोप का 42 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र (18 करोड़ हेक्टेयर से ज्यादा) जंगल से घिरा हुआ है. फिनलैंड का 71 प्रतिशत, स्वीडन का 67 प्रतिशत, स्लोवेनिया का 64 प्रतिशत, एस्तोनिया में 58 प्रतिशत, लातविया में 56 प्रतिशत क्षेत्र जंगल और पेड़ से घिरा हुआ है. वहीं, नीदरलैंड में आठ, माल्टा में 11 और डेनमार्क में 16 प्रतिशत ही वन क्षेत्र है. क्षेत्रफल के अनुसार, स्वीडन में सबसे अधिक वन श्रेत्र है. इसके बाद फिनलैंड, स्पेन और फ्रांस का स्थान आता है.
वन ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यूरोप के जंगल 41 करोड़ टन के बराबर कार्बन गैस अवशोषित करते हैं, जो कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (445 करोड़ टन) के लगभग 9% के बराबर है. वर्ष 1990 से लेकर 2015 के बीच वन क्षेत्र में 90 हजार वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है. दूसरे शब्दों में कहें तो लगभग पुर्तगाल के क्षेत्रफल जितना.
वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ के अनुसार, दुनिया में हर मिनट फुटबॉल के 27 मैदानों यानि साल में एक करोड़ 80 लाख एकड़ के बराबर जंगलों का सफाया हो रहा है. सबसे अधिक जंगल रूस में काटे गए. वहीं, दूसरे स्थान पर ब्राजील है. इसके बाद कनाडा, अमेरिका, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक कांगो, इंडोनेशिया, चीन, मलेशिया का स्थान है.
पृथ्वी के 31% भूमि पर वन है. इससे न सिर्फ शुद्ध हवा मिलती है, बल्कि कई जानवरों का यह आश्रय-स्थल भी है. धरती पर रहने वाली 80 प्रतिशत प्रजातियां जंगलों में रहती है. दुनिया के एक करोड़ 30 लाख से ज्यादा लोग वन विभाग में नौकरी करते हैं. चार करोड़ से ज्यादा लोगों का रोजगार वन से जुड़ा हुआ है. लेकिन अब इन जंगलों पर खतरा मंडरा रहा है. उदाहरण के तौर पर, बीते 50 सालों में अमेजन के जंगल के क्षेत्रफल में 17 प्रतिशत की कमी हो गई.
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