दर्शकों के सामने चित होते बॉलीवुड के शूरमा
११ अगस्त २०१७सुभाष घई, किसी जमाने में उन्हें बॉलीवुड का शो मैन कहा जाता था. घई की फिल्म रिलीज होने से पहले ही हिट मानी जाती थी. अब सुभाष घई कहीं नहीं हैं. यही हाल यश चोपड़ा बैनर और करण जौहर का भी है. कभी हिट फिल्मों का पर्याय बन चुके करण जौहर अब कॉफी पिलाकर गॉसिफ बटोर रहे हैं. "हम दिल दे चुके सनम" से सुर्खियों में आए संजय लीला भंसाली भी अपने खूबसूरत सेटों में खो चुके हैं. उनकी हाल की फिल्में बिल्कुल बेदम साबित हुईं. रोहित शेट्टी का स्कॉर्पियो उड़ाना भी अब फीका पड़ चुका है.
कुछ ऐसा ही हाल नामी एक्टरों का भी है. स्टारडम की दराती अब बॉक्स ऑफिस की फसल नहीं काट पा रही है. रणबीर कपूर, शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण और सलमान खान जैसे नामों को मायूसी मिल रही हैं. ट्यूबलाइट पहले दिन की झपझप के बाद बुझ गई. जग्गा जासूस खुद ही खो गया. जब हैरी मेट सैजल की टुटपुंजिया कहानी भी अपने अंजाम तक पहुंच ही गई.
बॉलीवुड के दिग्गज नाम अब भी आत्ममुग्धता में सराबोर हैं, उन्हें लगता है कि उनके हाथ से तो हिट फिल्म ही निकलेगी. लेकिन इस बीच दर्शक आगे निकल चुका है. इंटरनेट और सोशल मीडिया ने उसे हॉलीवुड से भी जोड़ दिया है और दक्षिण भारतीय सिनेमा से भी. बाहुबली के हिंदी प्रिंट ने उत्तर भारत में तहलका मचा दिया. फिल्म सटीक कहानी और गजब के विजुअल इफेक्ट्स पर टिकी थी. हिंदी सिनेमा का कोई बड़ा नाम न होने के बावजूद बाहुबली वन और टू दोनों हिट रहीं.
ऐसी रिकॉर्ड सफलता दंगल को भी मिली. बढ़िया कहानी, हर अदाकार की मेहनत और आमिर खान के परफेक्शन भरे रुख ने पर्दे पर जान फूंक दी. संकेत साफ है, आज की युवा पीढ़ी घटिया और बेसिर पैर की कॉमेडी पर हंसने के बजाए यूट्यूब पर कुछ बहुत अच्छा खोज लेती हैं. एक्शन देखना हो तो वह बॉलीवुड की सू सांय से ज्यादा बढ़िया एक्शन खोज लेती है. प्यार में भी उसे हकीकत चाहिए. बहुत हद तक नयेपन और क्वालिटी का चस्का दर्शकों की जबान पर लग चुका है.
बड़े डायरेक्टरों के विदेश में रहने वाले हीरो, हीरोइन अब दर्शकों के बीच धूलधसरित हो रहे हैं. भारत के छोटे कस्बों या शहरों के असली हालात और संवाद हिट हो रहे हैं. यह बड़ा बदलाव है और भारतीय दर्शक इसके लिये बधाई के पात्र हैं.
(हॉलीवुड बनाम बॉलीवुड)