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"तेजी से प्रगति कर रहा है विज्ञान"

२१ जून २०११

डॉयचे वेले हिंदी वेबसाइट के पाठकों ने हमारी खबरों पर अपनी राय से हमें अवगत कराया है. आइए एक नजर डालते हैं उनकी राय पर.

https://p.dw.com/p/11frM
तस्वीर: DW

कार जितना अंतरिक्ष यान, यूरोप का अभियान - अंतरिक्ष यान कार जैसी यान, वह भी कम खर्चे में. विज्ञान में नित्य नयी खोज हो रही है. मुझे इसमें एक समस्या भविष्य के लिए नजर आ रही है. सस्ता और छोटा होने के कारण बहुत ऐसे यान बनाये जायेंगे जो अंतरिक्ष प्रदूषण बढायेगें.

अनिल कुमार द्विवेदी, सैदापुर अमेठी सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश

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सचिन डिसीजन रिव्यू सिस्टम के खिलाफ नहीं - बीसीसीआई आईसीसी के डिसीजन रिव्यू सिस्टम का पूरी तरह से विरोध कर रही है, कोई भी भारतीय खिलाड़ी इसके पक्ष में नहीं है, कारण है क्रिकेट के दिग्गजों द्वारा लिए जाने वाला नाजायज फायदा. किसी भी भारतीय को इन आशावादियों पर विश्वास नहीं है, हर खिलाड़ी सिस्टम में पूरे सुधार के पक्ष में है ना कि अधूरे सुधार के, क्योंकि वो जानते है कि इन लोगों को गलत करने का एक और हथियार मिल जायेगा और इसकी आड़ में ये नाजायज फायदा लेंगे और खेल को दूषित करेंगे. आपके द्वारा लिखी गयी यह खबर भारतीयों की राय को दर्शाने में मदद करेगी.

एस.बी.शर्मा, जमशेदपुर, झारखण्ड

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जहर से हुई स्वामी निगमानंद की मौत: रिपोर्ट - स्वामी निगामनंद के अनशन से सम्बंधित कुछ तथ्य - हरिद्वार में गंगा किनारे चलने वाले स्टोन क्रशर(पत्थरो को तोडने) के लाइसंस कांग्रेस के समय में दिए गए थे. बाबा की मांग पर बीजेपी सरकार द्वारा इनके लाइसेंस निरस्त किए गए. पहले भी २ बार अनशन करने के कारण स्वामी निगमानंद के न्यूरो सिस्टम में कुछ गंभीर कठिनाईयां आ गई थी, ये सब जानते हुए भी स्वामी शिवानन्द द्वारा उन्हें क्यों अनशन पर भेजा गया जबकि वे जानते थे कि इससे उन्हें खतरा हो सकता है. क्या उनकी भूमिका संदेहास्पद नहीं?

अमित कुमार

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मुझे डॉयचे वेले बहुत अच्छा लग रहा है. इसके बारे में जितनी तारीफ की जाए कम है. मैं इसे नियमित रूप से सुनना चाहता हूं लेकिन कभी कभी कुछ कारणों से नहीं सुन पाता, तो बहुत दुःख होता है. जब इंटरनेट पर आप लोगों का न्यूज़ सुनता हूं तो मुझे लगता ही नहीं कि इंडिया से 6500 किलोमीटर दूर जर्मनी के बॉन शहर से सुन रहा हूं. मुझे तो ऐसा लगता है कि जैसे अपने किसी पड़ोस से ही सुन रहा हूं. 15.06.2011 को लाइफ़लाइन प्रोग्राम बहुत ही अच्छा लगा. दिल के बारे में जो जानकारी दी गई वह बहुत अच्छी थी और ऑस्ट्रेलिया में ऊंट को मार दिया जायेगा यह सुन कर बहुत ही दुःख हुआ. काफी हद तक हम मनुष्य लोग ही ग्रीन हाउस गैस और कार्बन डाईआक्साईड के ज्यादा जिम्मेदार हैं और इन बेजुबान जानवरों को कारण बनना पड रहा है. हम लोग अपने सुख सुविधाओं के लिए ए.सी. और फ्रिज़ का प्रयोग कर रहे है. पर्यावरण प्रदूषण के लिए सबसे ज्यादा यही सब जिम्मेदार हैं.

सतीश चंद मद्देशिया, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश

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"भ्रष्टाचार पर कानून के दायरे में मंत्री और जज हों" - मैं एक गुजराती हूँ. मैं काले धन के बारे में बस इतना कहूंगा कि देश का जितना भी धन बाहर बैंक में है उसको वापस लाना चाहिए. मुझ जैसे कई इतने पढे लिखे हैं लेकिन एक फिक्स सेलरी पर काम कर रहे हैं. जब काला धन वापस आए तो शायद सरकार हम जैसे लोगों को भी नौकरी देगी. मुझे यकीन है कि सरकार यह काम जरूर करेगी.

कोठारी दिलावर सिंह

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काले धन पर ईमेल से राय दे जनता - इस आर्टिकल को पढ़ कर हमें काफी सारे पाठकों ने लिखा हैं जिनमें से कुछ एक के विचार हैं:

भारतीय जनता के लिए एक ऐसा कानून होना चाहिए जिससे किसी की भी आय के साधन पता चल जाए. जैसे कि क्या, कहां और कैसे धन कमाया जा रहा है. किस तरीके से धन कमाया जा रहा है और वह अपनी धनराशि कहां जमा कर रहा है. क्या वह टैक्स दे रहा है या नही. इन सब को ध्यान में रखते हुए एक सख्त कानून होना चाहिए, ताकि समय आने पर जल्द कार्यवाही की जा सके.

सौरभ कुमार

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मैंने रेडियो तेहरान के बारे में पढ़ा अच्छा लगा. क्या आपके यहां से रेडियो के बारे में कोई पत्रिका निकलती है या तेहरान की जानकारी के बारे में कोई पत्रिका हो तो कृपया पत्रिका मुझे अवश्य भिजवाएं. इंटरनेट पर आपके प्रोग्राम पढ़ता रहता हूं जो शिक्षाप्रद व जानकारी से ओत प्रोत होते हैं
दीपक कुमार, नई दिल्ली

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संकलनः विनोद चढ्डा

संपादनः एस गौड़