तुर्की ने छेड़ दी उत्तरी सीरिया में जंग
९ अक्टूबर २०१९एर्दोवान ने इस जंग को "ऑपरेशन पीस स्प्रिंग" नाम दिया है और कहा है कि इसमें इस्लामिक स्टेट और सीरियाई कुर्दीश पीपुल प्रोटेक्शन यूनिट यानी वाईपीजी को निशाना बनाया जाएगा. तुर्की वाईपीजी को कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी से जुड़ा मानता है. यह संगठन तुर्की में प्रतिबंधित है और वहां अलगावादी हिंसा का जिम्मेदार माना जाता है. एर्दोवान ने ट्वीट किया है, "हमारा मिशन है हमारी दक्षिणी सीमा पर एक आतंकी गलियारे को बनने से रोकना और इलाके में शांति लाना."
बीते तीन सालों में यह तुर्की का तीसरा हमला है जिसमें सीरियाई कुर्दिश लड़ाकों को निशाना बनाया गया है. इससे पहले 2016 में तुर्की ने ऑपरेशन यूफ्रेट्स शील्ड चलाया था और 2018 में ऑपरेशन ऑलिव ब्रांच. एर्दोवाव ने कहा है ऑपरेशन पीस स्प्रिंग तुर्की के खिलाफ आतंकवाद के खतरे को खत्म करेगा और सीरियाई शरणार्थियों की घर वापसी के साथ एक सुरक्षित इलाके की स्थापना की शुरुआत करेगा." एर्दोवान का यह भी कहना है, "हम तुर्की की क्षेत्रीय एकता को बनाए रखेंगे और स्थानीय समुदायों को आतंकवादियों के चंगुल से मुक्त करेंगे."
सीरियाई कुर्दी फौज ने तीन दिन के लिए हाई अलर्ट की घोषणा की है और अपने लड़ाकों को एकजुट होने के लिए कहा है साथ ही उन्होंने हवाई हमले शुरू होने की पुष्टि भी की है. कुर्द नेतृत्व वाले सीरियन डेमोक्रैटिक फोर्सेज यानी एसडीएफ के प्रवक्ता मुस्तफा बाली ने ट्वीट किया है, "तुर्की के जंगी जहाजों ने नागरिक इलाको में हवाई हमले शुरू कर दिए हैं. इलाके के लोगों में खलबली मच गई है."
तुर्की के सरकारी प्रसारक टीआरटी ने कहा है कि सेना ने रास अल ऐन में पांच जगहों को निशाना बनाया है. यह जगह उत्तर पूर्वी सीरिया में तुर्की की सीमा के पास है. टीआरटी ने एफ 16 वीमानों के दक्षिण पूर्वी तुर्की में दियारकबीर सैन्य अड्डे से उड़ान भरने की तस्वीरें भी जारी की हैं. इसके साथ ही कहा गया है कि ये हमले में शामिल होने जा रहे हैं.
सोमवार को अमेरिकी सैनिकों ने उत्तर पूर्वी सीरिया के तुर्की की सीमा से लगते इलाकों से हटना शुरू कर दिया था. इसके साथ ही तुर्की के लिए हमले का रास्ता बन गया. अमेरिकी सैनिकों का हटना राष्ट्रपति ट्रंप के अचानक नीति बदलने का बड़ा संकेत है. एसडीएफ सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ अमेरिकी सैनिकों के साथ लड़ी थी लेकिन अब जंग खत्म होने के बाद अमेरिका ने कुर्दों को अकेला छोड़ दिया है. बुधवार को तुर्की का हमला शुरू होने से पहले ट्रंप ने ट्वीट किया, "हमारे 50 सैनिक हट गए हैं. तुर्की को आईएस के कैदियों को अपनी गिरफ्त में ले लेना चाहिए जिन्हें यूरोप ने वापस लेने से इनकार कर दिया है. बेवकूफी वाली यह अंतहीन जंग हमारे लिए खत्म हो गई है." दो दिन पहले तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोवान ने डॉनल्ड ट्रंप से टेलिफोन पर बात की थी. इसके बाद ही ट्रंप ने सैनिकों की वापसी का एलान किया था.
उत्तर पूर्वी सीरिया में एसडीएफ का दबदबा रहा है. लेकिन अब वह तुर्की के सामने अकेला पड़ गया है. एसडीएफ ने इस जंग का सामना करने की बात कही है.
एनआर/आईबी(डीपीए)
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