तलाक के कड़े नियम बनाएगा मिस्र
२७ जनवरी २०१७मिस्र में तलाक देने की प्रक्रिया को और कड़ा बनाया जाएगा. राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सिसी ने इसका इशारा दिया है. पुलिस दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए अल सिसी ने कहा, "एक राज्य के नाते हम अपने समाज की सुरक्षा के बारे में चिंतित क्यों न हों? एक ऐसा कानून बनाएं जो माजून की मौजूदगी में तलाक को कानूनी बनाएगा, इसके जरिये हम दंपत्तियों को पुर्नविचार एक मौका भी देंगे."
मौखिक तलाक की परंपरा की आलोचना करते हुए अल सिसी ने कहा, "लापरवाही में कहा गया शब्द" तलाक नहीं कर सकता. तलाक बोलकर शादी तोड़ने को उन्होंने "गैरजिम्मेदाराना व्यवहार" भी करार दिया. राष्ट्रपति के मुताबिक नया कानून बच्चों के अधिकारों की भी रक्षा करेगा.
महिला अधिकारों की वकालत करने वाले राष्ट्रपति की पहल को एक बड़ा कदम बता रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ आशंका बनी हुई है कि कट्टरपंथी उलेमा और उग्रवादी इसका विरोध करेंगे. मिस्र के पुरुष प्रधान समाज में सदियों से मौखिक तलाक दिया जाता रहा है. अब आलम यह है कि देश में हर साल औसतन 9,00,000 शादियां होती हैं और पांच साल के भीतर इनमें से 3,60,000 टूट रही हैं.
लेकिन क्या इसे लागू करना आसान होगा. मिस्र में धर्म से जुड़े कायदे अल अजहर के मुख्य इमाम तय करते हैं. तलाक का नया कानून भी उन्हीं के समर्थन से बनाया जा सकता है. राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान मुख्य इमाम शेख अहमद अल-तैयब भी मौजूद थे. राष्ट्रपति ने उनकी तरफ मुस्कुराते हुए कहा, "आप क्या सोचते हैं माननीय इमाम?"
मिस्र में इस्लामी रुढ़िवादी पार्टी मुस्लिम ब्रदरहुड की सरकार को भंग कर 2014 में सत्ता में आए सेना प्रमुख अल सिसी कई बार इस्लाम में सुधारों का जिक्र कर चुके हैं. 2015 में उन्होंने महिला खतने और यौन अपराधों के लिए भी कड़ी सजा का प्रावधान किया. अल अजहर की अहमियत पर जोर देते हुए अल सिसी ने यह भी कहा कि अब समय आ चुका है कि धर्म की छवि बेहतर की जाए और इस्लामिक स्टेट जैसे उग्रवादी संगठनों द्वारा फैलाई जा रही कट्टरपंथी विचारधारा को खत्म किया जाए.
ओएसजे/एमजे (एपी)