ठंड में ठिठुरता यूरोप
तापमान जीरो के करीब और उस पर बर्फीली बरसात. ऐसे में फौरन बर्फ का जमना आम है. इसकी वजह से वीकएंड में कई दुर्घटनाएं हुईं. मध्य यूरोप में कम से कम 6 लोगों की जान गई.
लियों से लेकर लुइबेक तक बर्फीली बरसात
शनिवार को यूरोप के बड़े हिस्से में तापमान ऐसे बिंदु पर पहुंच गया जहां बरसात होती है और ठंड के कारण बरसात का पानी फौरन जम जाता है. जर्मनी के उत्तरी हिस्से में दुर्घटनाओं के बाद पुलिस ने कई हाइवे पर रोक लगा दी. जर्मनी में हुई दुर्घटनाओं में दो लोग मारे गए तो फ्रांस में एक बस दुर्घटना में चार लोग मारे गए.
खतरनाक फिसलन
जब तापमान इतना कम हो कि बरसात का पानी जम जाए तो उसे बर्फीली बरसात या ब्लित्सआइस कहते हैं. इसकी वजह से सड़क, फुटपाथ या समतल सीमेंटेड जगहें कुछ ही सेकंडों या मिनटों में बर्फ के गलीचे में बदल जाती है. ऐसे में इस पर चलना या गाड़ी चलाना सीधे दुर्घटना को दावत देने जैसा होता है. लेकिन अगर आपके चलते चलते ऐसा हो तो कर भी क्या सकते हैं.
हवाई यात्रा प्रभावित
बर्फीली बरसात विमानों के ऊपर जम जाती है. इसकी वजह से पैदा होने वाला अतिरिक्त भार उड़ान के दौरान गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. इसलिए यूरोप में बर्फ गिरने पर उड़ान से पहले जहाजों को डिफ्रॉस्ट किया जाता है. तुर्की में इस्तांबुल के हवाई अड्डों पर बर्फीली बरसात के कारण नहीं बल्कि बर्फीले तूफान के कारण कई उड़ानें स्थगित करनी पड़ी.
खुले आसमां के नीचे
पूर्वी यूरोप में तापमान शून्य से नीचे चल रहा है. हर साल यहां ठंड में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. खासकर बेघर लोग प्रभावित होते हैं. ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार इस साल भी सर्दियों में सर्बिया और हंगरी में तकरीबन 2000 शरणार्थी माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तापमान के बावजूद खुले आसामान के नीचे या तंबुओं में रात बिताने को मजबूर हैं.
मूमध्य सागर में भी बर्फ
लेसबॉस में भी ठंड आ गई है. वहां के शरणार्थी शिविरों में ग्रीक अधिकारी शरणार्थियों को कंबल और फैन हीटर बांट रहे हैं. बेघर लोगों के लिए हीटेड हॉल और मेट्रो स्टेशन खोल दिए गए हैं. ग्रीस के इस द्वीप पर बिरले ही हिमपात होता है. ग्रीस के क्रेट द्वीप पर रेदिम्नो शहर में रविवार सुबह 40 साल बाद बर्फबारी हुई.
कहीं खुशी तो कहीं चोट
रूस के लोगों को कड़ाके की ठंड की आदत है. वहां लोगों ने मजबूरी को अपने फायदे में बदल दिया है और वे ठंड की शिकायत करने के बदले उसका मजा लेते हैं. इसके बावजूद यहां भी बहुत से लोग ठंड का शिकार होते हैं. इन साल तो तापमान बहुत ही कम है, जो कुछ जगहों पर माइनस 50 तक पहुंच गया है.
बेहतरी की उम्मीद नहीं
बर्फीली बरसात के बाद मध्य यूरोप के ज्यादातर हिस्से में घना कोहरा छाया है. रविवार को डॉयचे वेले की खिड़कियों से दो सौ मीटर दूर स्थित राइन नदी तक नहीं दिख रही थी. आने वाले दिनों में हालात बेहतर होने की संभावना है लेकिन सर्दी फिर लौटेगी. इस साल उसके लंबा होने की आशंका है.