टीम इंडिया के लचर प्रदर्शन से निराश हैं धोनी
११ अगस्त २०१०न्यूजीलैंड की तरफ से दिए गए 289 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के शेर सिर्फ 88 रन पर ही ढेर हो गए. इतने खराब प्रदर्शन को देखकर न तो टीम के प्रशंसक विश्वास कर पाए और न ही कप्तान धोनी. मैच के बाद धोनी ने अपने दुख और निराशा का इजहार खुल कर किया. "जिस तरह से हम खेले हैं उससे हम बहुत दुखी हैं. हमें कुछ मौके मिले लेकिन हमने उनका इस्तेमाल नहीं किया. शायद यही वजह रही कि हम मैच जीत नहीं पाए."
लचर प्रदर्शन के लिए कप्तान ने भारतीय टीम की खराब बल्लेबाजी को दोषी ठहराया. "हमने जरा भी अच्छी बल्लेबाजी नहीं की. जब हम बल्लेबाजी करने उतरे तो न्यूजीलैंड के गेंदबाजों को ऐसा उछाल मिला कि हमें खेलने में बेहद मुश्किलें सामने आईं." बल्लेबाजों की क्लास लेने वाले धोनी ने अपने गेंदबाजों की दिल खोलकर प्रशंसा करने में कोताही नहीं बरती.
"गेंदबाजों ने बहुत बढ़िया प्रदर्शन किया. यहां गति से ज्यादा उछाल अहम था. गेंद टप्पा पड़ने के बाद बढ़िया उछाल ले रही थी और गेंदबाजों के लिए यही मददगार साबित हुआ. खासतौर पर आशीष नेहरा और प्रवीण कुमार ने अच्छी गेंदबाजी की. उनकी पैनी गेंदों का सामना न्यूजीलैंड की ओर से रॉस टेलर और स्टायरिस ने बढ़िया ढंग से किया."
न्यूजीलैंड के कप्तान रॉस टेलर ने भी नेहरा और प्रवीण कुमार की गेंदबाजी की तारीफ की. टेलर के मुताबिक वह जानते थे कि अगर उनकी टीम ने 250 रन से ज्यादा का स्कोर खड़ा कर लिया तो वह बेहद मजबूत स्थिति में होंगे क्योंकि उनके पास तीन तेज गेंदबाज हैं.
"जीतन पटेल को बाहर बिठाना मुश्किल फैसला था. लेकिन हमने जैसे वापसी की, उससे हम बेहद खुश हैं. हम ज्यादा विकेट नहीं खोना चाहते थे. हम 250 के पार पहुंचना चाहते थे लेकिन हमने 288 रन बना लिए. हम बहुत खुश हैं."
न्यूजीलैंड के लिए 288 रन का स्कोर खड़ा करने में रॉस टेलर ने 95 रन जबकि स्टायरिस ने 89 रन की शानदार पारी खेली. भारत की ओर से प्रवीण कुमार ने तीन विकेट और आशीष नेहरा ने चार विकेट झटके. लेकिन बल्लेबाजों में सबसे ज्यादा रन रविन्द्र जडेजा ही बना पाए और वह भी सिर्फ 19 रन.
बाकी बल्लेबाज विकेट पर आते गए और लौटते गए. कुछ देर बाद टीम के लिए मैच में उम्मीदें भी खत्म हो गई. सिर्फ 88 रन पर आउट होकर टीम ने 200 रन से करारी हार झेली है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए कुमार