टाइमजोन बदलना चाहता है स्पेन
२७ सितम्बर २०१३स्पेन के सांसदों ने देश को एक अलग टाइम जोन में डालने का प्रस्ताव रखा है जिससे कि लोगों को खाने और सोने के लिए एक घंटा ज्यादा मिले और कामगार ज्यादा उपयोगी हो सकें. स्पेन यूरोप के सुदूर पश्चिम में है. भौगोलिक रूप से इसका ज्यादातर हिस्सा पड़ोसी पुर्तगाल और ब्रिटेन वाले जोन में ही आता है, जबकि हकीकत में अटलांटिक में कैनरी द्वीपों को छोड़ कर बाकी स्पेन फ्रांस और जर्मनी वाले टाइमजोन में है.
यह टाइम ग्रीनवीच मीन टाइम से गर्मियों में दो घंटे और सर्दियों में एक घंटे आगे है. मध्य यूरोपीय देशों में गर्मी और सर्दी के लिए घड़ी के वक्त में बदलाव किया जाता है. यहां समर टाइम और विंटर टाइम की परंपरा है.
स्पेन इस मध्य यूरोप वाले टाइमजोन में 1942 से है. तब फ्रांसिस्को फ्रैंको की फासीवादी सरकार ने नाजी जर्मनी के साथ चलते हुए इस टाइमजोन को अपनाया था. गुरुवार को संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है, "यह सच्चाई कि 71 साल से ज्यादा समय से स्पेन सही टाइमजोन में नहीं है और इसकी वजह से हम जल्दी जगते हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन के सुझाए वक्त से औसत एक घंटा कम सोते हैं." रिपोर्ट तैयार करने वाली संसदीय समिति ने यह भी कहा है, "यह उत्पादकता पर नकारात्मक रूप से असर डालता है, जो तनाव, दुर्घटना, स्कूल छोड़ने और काम से गायब रहने के रूप में सामने आता है."
रिपोर्ट में इसे सुधारने के लिए कई उपाय बताए गए है और साथ ही, "स्पेन में 1942 से पहले के पश्चिमी यूरोपीय टाइम जोन को वापस लाने के नतीजों और खर्चों का मूल्यांकन" करने की भी बात कही गई है. रिपोर्ट के मुताबिक टाइमजोन का अंतर इस बात की व्याख्या कर देता है कि स्पेनवासियों का ध्यान खाने, काम छोड़ने और बाकी यूरोपीय पड़ोसियों की तुलना में देर से सोने में क्यों रहता है.
रिपोर्ट में कहा गया है, "हमारी दिनचर्या घड़ी की बजाय सूरज से ज्यादा तय होती है. हम सूरज के हिसाब से दोपहर एक बजे और रात को आठ बजे खाते हैं लेकिन घड़ी बताती है कि अभी तो दोपहर के तीन और रात के 10 बजे हैं." नए टाइमजोन में डालने से स्पेन को "परिवार के लिए, प्रशिक्षण के लिए, निजी कामों के लिए और ज्यादा खाली समय मिलेगा और काम के दिनों में बर्बाद होने वाला समय बचेगा."
सांसदों की रिपोर्ट यह भी कहती है कि इस बदलाव के नतीजे स्पेन को यूरोप के साथ कई मामलों में बराबरी पर ले आएंगे, जिनमें अभी फर्क दिखता है. खासतौर से उत्पादकता, प्रतियोगात्मकता, संतुलित पारिवारिक जीवन और पारिवारिक जिम्मेदारियां उठाने में इससे बहुत बड़ा फर्क आएगा.
एनआर/एमजे (एएफपी)