1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जॉर्जिया से रूसी सैनिकों के हटने का इंतज़ार

१८ अगस्त २००८

रूस आज जॉर्जिया से अपने सैनिकों को हटाने की शुरुआत करेगा. राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने उन टुकड़ियों की वापसी के आदेश दिए हैं जिंहें रूसी शांति सैनिकों की मदद के लिए भेजा गया था.

https://p.dw.com/p/F062
वापस होगी रूसी सेना जॉर्जिया सेतस्वीर: picture-alliance/ dpa

रूसी सैनिकों ने पिछले दस दिनों में न सिर्फ़ जॉर्जिया के विद्रोही क्षेत्र दक्षिण ओसेतिया पर नियंत्रण स्थापित किया है बल्कि जॉर्जिया की मुख्य भूमि पर स्थित शहरों में भी घुस गए हैं.

President Dmitry Medvedev
कब करेंगे पूरा वायदा मेदवेदेव?तस्वीर: AP

समाचार एजेंसियों के अनुसार जॉर्जिया के शहर गोरी की ओर जाने वाली सड़क पर सोमवार सुबह रूसी सेना का नियंत्रण था. राष्ट्रपति मेदवेदेव के अनुसार रूसी सैनिक सोमवार दोपहर से जॉर्जिया के ठिकानों से हटना शुरू करेंगे लेकिन एएफ़पी के रिपोर्टरों के अनुसार सेना के हटने के कोई संकेत नहीं हैं.

यूरोपीय संघ की मध्यस्थता में तय छह सूत्री योजना में संघर्षविराम के अलावा यह भी तय किया है कि जॉर्जिया की सेना अपने ठिकानों में वापस लौट जाएगी और रूसी सेना लड़ाई की शुरुआत से पहले सीमा के पीछे के ठिकानों पर.

यूरोपीय संघ के प्रमुख फ़्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी मॉस्को नेतृत्व द्वारा सैनिकों की वापसी में देरी होने पर गंभीर राजनीतिक परिणामों की चेतावनी दी है.

Georgien Angela Merkel besucht den georgischen Präsidenten Saakaschwili
चांसलर मैर्केल के साथ साकाशवीलीतस्वीर: AP

उधर जॉर्जिया के राष्ट्रपति मिख़ाइल साकाशवीली दक्षिण ओसेतिया विवाद से बाहर निकलने के लिए मॉस्को के साथ वार्ता का आह्वान किया है. सोमवार को एक टेलिविज़न प्रसारण में उन्होंने समस्या का समाधान सभ्य तरीक़ों से करने की मांग की. वार्ता से पहले साकाशवीली ने रूसी सैनिकों के हटने की मांग की.

इस बीच दक्षिण ओसेतिया के नेता एदुआर्द कोकोइती ने कहा है कि वे रूस से स्थायी रूस से अपनी सेना दक्षिण ओसेतिया में रखने की मांग करेंगे. कोकोइती ने रूस और जॉर्जिया के बीच तय संघर्ष विराम के निरीक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्वेक्षकों को तैनात करने से इंकार कर दिया है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए गए एक इंटरव्यू में कोकोइती ने कहा, हमारा इन अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों में कोई भरोसा नहीं है, वे सत्य को मरोड़ देते हैं. रूस और जॉर्जिया के बीच लड़ाई शुरू होने से पहले यूरोपीय सुरक्षा व सहयोग संगठन के पर्यवेक्षक क्षेत्र में तैनात थे.