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जी8 बैठक में अरब क्रांति पर चर्चा

२६ मई २०११

आईएमएफ प्रमुख के नाम पर विकसित और विकासशील देशों के टकराव के बीच दुनिया के आठ सबसे अमीर देशों की सालाना बैठक फ्रांस के डोविल शहर में शुरू हो रही है. यहां अरब देशों की क्रांति और लीबिया पर भी चर्चा हो सकती है.

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तस्वीर: AP

जी8 की औपचारिक बैठक आज गुरुवार को शुरू हो रही है. लेकिन इसमें शामिल देशों ने बुधवार को भी डोविल में अहम बैठक की, जिसमें एजेंडा तय किया गया. बैठक में लीबिया की स्थिति, ईरान के परमाणु कार्यक्रम और सीरिया में हो रहे प्रदर्शनों पर चर्चा की जाएगी. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, इटली, जापान और रूस जी8 के सदस्य देश हैं.

फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी की मेजबानी में जी8 की बैठक शुक्रवार तक चलेगी. समझा जाता है कि इस दौरान ट्यूनीशिया और मिस्र के लिए कई अरब के पैकेज का एलान किया जाएगा. इन दोनों देशों में इस साल के शुरू में सत्ता परिवर्तन हुआ है.

G8 Aussenministertreffen
तस्वीर: dapd

हालांकि लीबिया सहित दूसरे अरब देशों पर जी8 की बैठक में एक राय बनना मुश्किल दिखता है. लीबिया पर नाटो हमले के मामले में जी8 का सदस्य देश जर्मनी पश्चिमी देशों के साथ नहीं है, जबकि रूस भी इस पर सवाल करता है. नाटो हमले को दो महीने बाद भी लीबिया के नेता मोअम्मर गद्दाफी को हटाने में कामयाबी नहीं मिली है.

रूस के राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव इस मामले को बैठक में उठा सकते हैं. रूस अपनी तरफ से लीबिया के मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहा है. उसने गद्दाफी और विपक्षी दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों को अपने यहां बातचीत के लिए बुलाया है.

रूस इस बात को भी साफ कर चुका है कि वह लीबिया के नेता गद्दाफी की तरफदारी नहीं करता है लेकिन इलाके में शांति के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाने को तैयार है.

बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा आईएमएफ के नए अध्यक्ष पद को लेकर हो सकती है. फ्रांस की वित्त मंत्री क्रिस्टियान लेगार्ड ने डोमिनिक स्ट्रॉस कान के बाद आईएमएफ प्रमुख की दावेदारी कर दी है, जबकि भारत सहित विकासशील देश इस बार यूरोप के बाहर से किसी को इस पद पर बिठाना चाहते हैं. जापान और रूस जी8 में शामिल हैं और वे फ्रांस की दावेदारी का विरोध कर सकते हैं.

फ्रांस में रूस के राजदूत एलेक्जेंडर ओरलोव ने कहा, "मुझे लगता है कि जी8 के हाशिए पर इस बात पर चर्चा हो सकती है. हालांकि मैडम लेगार्ड इस पद के लिए सबसे अच्छी कैंडिडेट लग रही हैं. लेकिन सवाल है कि क्या हमेशा पश्चिमी देश ही इस पद को हासिल करते रहेंगे और ब्रिक देशों (भारत, रूस, चीन और ब्राजील) को यह मौका क्यों नहीं मिल सकता." आईएमएफ को 30 जून तक अपना अगला अध्यक्ष चुनना है और इस पद के लिए भारत के योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया का भी नाम आया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः एस गौड़

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