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जापानी वैज्ञानिकों ने तैयार किया 'असली' दांत

२१ जुलाई २०११

जापानी डॉक्टरों ने चूहे की किडनी में विशेष कोशिकाओं के प्रत्यारोपण से दांत उगाने में कामयाबी हासिल की है. उन्हें उम्मीद है कि उनकी इस खोज से आगे चल कर अंगों बदलवाने में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा.

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तस्वीर: Fotolia/Wojciech Gajda

इससे पहले जीवविज्ञानियों ने प्रयोगशाला में दांत पैदा किए और उन्हें चूहे के जबड़ों में प्रत्यारोपित कर दिया, लेकिन जापानी शोधकर्ताओं ने जो तरीका ईजाद किया है, वह कहीं ज्यादा तेज है. इस रिसर्च टीम का नेतृत्व करने वाले टोक्यो यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस के प्रोफेसर ताकाशी त्सुजी का कहना है कि ताजा तकनीक में पिछली तकनीकों के मुकाबले दस दिन कम लगेंगे. वह कहते हैं, "यह अंगों को फिर से विकसित करने के लक्ष्य की दिशा में हमारा पहला कदम है. हमें अभी तक यह नहीं पता चला है कि यह तकनीक इंसानों में कहां इस्तेमाल हो सकती है. अभी हमने सिर्फ पहला कदम पूरा किया है."

इस रिसर्च टीम में टोक्यो मेडिकल डेंटल यूनिवर्सिटी और तोहुकु यूनिवर्सिटी के रिसर्चर शामिल हैं जिन्होंने दांत के लिए जरूरी विशेष कोशिकाओं को मिला कर एक 'बीज' तैयार किया है. ये कोशिशकाएं एक दूसरे के प्रति प्रतिक्रिया करती हैं और असली दांत के निर्माण के लिए ऊतकों में विकसित होने लगती हैं. इसके बाद रिसर्च टीम ने इस 'बीज' को एक छोटी सी प्लास्टिक की थैली में लपेटा और इसे चूहे की किडनी में प्रत्यारोपित कर दिया, जहां यह एक दांत का रूप ले लेता है.

जब यह दांत एक हद तक विकसित हो गया तो शोधकर्ताओं ने इसे दूसरे चूहे के मसूड़ों में प्रत्यारोपित कर दिया, ताकि वह जबड़े के साथ अपना तालमेल बिठा सके और नाड़ियों और रक्त धमनियों से जुड़ सके, ठीक असली दांत की तरह.

शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे चूहे को दर्द होता है क्योंकि नए दांत को तैयार करना असल दांत तैयार होने जैसा ही है. उन्हें उम्मीद है कि वैज्ञानिक अंततः पूरी तरह काम करने वाले अंग विकसित करने में सफल होंगे जो बीमारी, चोट या बढ़ती उम्र के कारण क्षतिग्रस्त होने वाले अंगों की जगह लगाए जा सकेंगे.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह

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