आईपैड मैजिक की दुनिया
१६ मई २०१४एक तरफ हैं सदियों से रहस्य बने हुए जादू जिन्हें देख कर बच्चे और बड़े सबकी आंखें फटी का फटी रह जाती है. दूसरी तरफ है तकनीक जो हर बीतते सेंकड के साथ विकसित हो रही है. अब एक जादूगर इन दोनों के मेल से बिल्कुल अलग तरह के जादू दिखाने को तैयार है. खुद को रिसर्च जादूगर कहने वाले स्टुअर्ट नोलान कहते हैं, "इंटरनेट जादूगरों के लिए वरदान भी है और अभिशाप भी." नोलान इंटरनेट को अभिशाप इसलिए कहते हैं क्योंकि लोग जादू के वीडियो रिकॉर्ड कर उसे इंटरनेट पर डाल रहे हैं और साथ में उस जादू के राज भी खोल रहे हैं.
वहीं 35 साल के एक दूसरे जादूगर सिमोन पिएरो इंटरनेट को वरदान से कम नहीं मानते. पिएरो को आईपैड मैजिशियन के रूप में जाना जाता है. तीन साल पहले उन्होंने आईपैड के साथ अपने जादू का पहला वीडियो यूट्यूब पर पोस्ट किया. इसमें वह एप्पल के टैबलेट पीसी आईपैड के साथ कई तरह की ट्रिक करते दिखाई दिए. उनका एक वीडियो इंटरनेट की दुनिया में काफी तेजी से फैला और अब तक 2 करोड़ से भी ज्यादा लोग यूट्यूब पर उनके वीडियो देख चुके हैं.
नयापन और बदलाव जरूरी
जिस तरह से यह जादूगर अपने जादू के साथ नई तकनीक का मेल कर रहे हैं, वह दर्शकों को बहुत भा रहा है. असल में प्राचीन काल से ही जादू और तकनीक के साथ का एक लंबा इतिहास रहा है. कई बार नए जादू बनाने की कोशिश में जादूगर नए तरह के उपकरण विकसित कर डालते थे. लंदन के जादूगर किरॉन कर्कलैंड बताते हैं, "हम लगातार ऐसा सोचते हैं कि दुनिया में हो रहे बदलावों के हिसाब से इन्हें कैसे ढालें और नए नए इफेक्ट कैसे दिखा पाएं." समस्या बस इतनी सी है कि जादूगर अपनी नई नई खोजों को दुनिया से छुपा के रखते हैं क्योंकि इसी से रहस्य बना रहता है और लोगों की जादू देखने में दिलचस्पी बनी रहती है.
डिजिटल दुनिया में फिट बैठता जादू
रिसर्च जादूगर स्टुअर्ट नोलान बताते हैं कि तकनीकी विशेषज्ञों और जादूगरों का तरीका काफी अलग होता है. वह 2002 से तकनीकी विशेषज्ञों के साथ काम कर रहे हैं और उन्होंने साथ मिलकर मन की बात पढ़ने वाली एक मशीन बनाई है. नोलान इसे 'आइडियोबर्ड' बुलाते हैं और इसमें उन तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है जो विक्टोरियन काल से जादू में प्रचलित थीं. अब नोलान इस तकनीक को डिजिटल गेम बनाने वालों के साथ मिल कर आगे बढ़ा रहे हैं. इसके अलावा रोबोटिक्स में भी दिमाग में आए विचारों को बिना बोले समझ जाने की इस तकनीक को अपनाने की कोशिश हो रही है.
नोलान जादू को संभावनाओं से भरा क्षेत्र मानते हैं, "जादू में बहुत कम शोध हुआ है और बहुत कम लोग इसकी पढ़ाई करते हैं. कुछ हद तक इसमें जादूगरों की ही गलती है क्योंकि हम अपनी रचनाओं और साहित्य को छुपा कर रखते हैं." ऐसे में अगर कोई इसमें पीएचडी करना चाहें, तो उसे किताबें ही नहीं मिलेंगी.
रिपोर्ट: चिपोंडा चिंबेलू/आरआर
संपादन: ईशा भाटिया