1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
अपराध

जर्मन सरकार पर 'रूसी हैकरों' के हमले

१ मार्च २०१८

जर्मनी के रक्षा और आंतरिक मंत्रालय पर हैकरों ने हमले किए. सूत्रों के मुताबिक जर्मन सरकार को करीब साल भर बाद हैकिंग का पता चला.

https://p.dw.com/p/2tUv7
Computer Hack
तस्वीर: Vernon Manlapaz

जर्मन सरकार ने बुधवार को सरकारी कप्यूटर नेटवर्क पर हुए बड़े साइबर हमलों की पुष्टि की. सिक्योरिटी एजेंसियों को दिसंबर में साइबर हमलों का पता चला. जर्मन न्यूज एजेंसी डीपीए की एक रिपोर्ट के मुताबिक हमले रूसी हैकिंग ग्रुप एपीटी28 ने किए. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई. एपीटी28 ने अहम सरकारी नेटवर्क में एक मेलवेयर घुसाया. एक सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक मुमकिन है कि यह मेलवेयर सरकारी नेटवर्क में करीब साल भर तक रहा. मेलवेयर का पता पहली बार दिसंबर 2017 में चला.

इंटरनेट में ऐसे काम करते हैं हैकर

सुंदर, तन्हा युवती का सहारा लेते हैकर

जर्मनी के आंतरिक मंत्रालय के मुताबिक फेडरल ऑफिस फॉर इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी और इंटेलिजेंस एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं. हैकरों के हमले झेलने वाले मंत्रालय में जांच और डाटा प्रोटेक्शन के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हैकरों ने रक्षा मंत्रालय और आंतरिक मंत्रालय जैसे संवेदनशील ठिकानों को निशाना बनाया. अभी इस पता पता नहीं चला है कि हैकिंग के दौरान कितना और किस किस्म का डाटा चुराया गया.​​​​​​​

रूसी हैकरों के ग्रुप एपीटी28 को फैंसी बीयर के नाम से भी जाना जाता है. आरोप लगते हैं कि एपीटी28 रूस की सैन्य खुफिया सेवा के साथ मिलकर काम करता है. 2015 में जर्मन संसद, नाटो और पूर्वी यूरोप की सरकारों पर साइबर हमले हुए थे, उन हमलों के लिए भी एपीटी28 को जिम्मेदार ठहराया जाता है. 2015 में जर्मन संसद पर हुए साइबर अटैक के बाद सरकार को अपना पूरा आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर बदलना पड़ा था. ग्रुप पर 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में दखल देने के आरोप भी हैं.

जर्मन सरकार के मुताबिक हर दिन सरकारी प्रतिष्ठानों पर करीब 20 साइबर हमले होते हैं. जर्मनी की इंटेलिजेंस एजेंसियां हफ्ते में एक बार खुद साइबर अटैक कर सिस्टम की जांच करती हैं. जर्मनी की विपक्षी पार्टियों ने हमलों की जानकारी के बाद सिक्योरिटी सर्विसेज की आलोचना की है. एफडीपी पार्टी के नेता मानुएल होएफेरलिन ने सरकार से भी सफाई मांगी है, "हम उम्मीद करते हैं कि आंतरिक मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और फेडरल ऑफिस फॉर इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी अपना पक्ष सामने रखेंगे."

ओएसजे/एन रंजन(एपी, डीपीए)