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समाजजर्मनी

जर्मनी के एक राज्य ने स्कूलों में बुर्का और नकाब किया बैन

२२ जुलाई २०२०

मर्सिडीज और पोर्शे कारों के लिए विख्यात जर्मनी के राज्य बाडेन वुर्टेमबर्ग ने स्कूलों में बच्चियों के बुर्का और नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है. अध्यापिकाओं के लिए यहां इस तरह का कानून पहले से ही है.

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Symbolbild Frauentag
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Arshad Arbab

जर्मनी में स्कूलों में चेहरा या सर ढंकने को लेकर लंबे समय से बहस चलती रही है. हालिया मामला पश्चिमी जर्मनी के राज्य बाडेन वुर्टेमबर्ग का है जहां राज्य सरकार ने स्कूलों में इस पर पाबंदी लगा दी है. फरवरी में हैम्बर्ग की एक अदालत ने शहर में इसी तरह के एक कानून को अवैध बताया था. इस बार बाडेन वुर्टेमबर्ग के मुख्य मंत्री ग्रीन पार्टी के विनफ्रीड क्रेचमन ने कहा है कि उनके राज्य में ऐसा कम ही देखने को मिलता है लेकिन जो भी थोड़े बहुत मामले हैं, उन पर कानूनी रूप से काबू करना जरूरी था.

गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रही सरकार के मुखिया ने कहा कि जर्मनी एक स्वतंत्र समाज है और चेहरे को पूरी तरह से छिपाना इसका हिस्सा नहीं है. फिलहाल यह प्रतिबंध सिर्फ स्कूलों में लगाया गया है, कॉलेज या यूनिवर्सिटी में नहीं. क्रेचमन ने कहा कि वयस्कों पर इस तरह का प्रतिबंध लगाना पेचीदा मामला है. ग्रीन पार्टी पर्यावरणवादी पार्टी और समाज में विदेशियों के समेकन के सक्रिय रही है. श्टुटगार्ट के सांसद चेम ओएदेमिर 2008 से 2018 तक ग्रीन पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं. वे जर्मनी की मुख्यधारा की किसी पार्टी के पहले मुसलमान अध्यक्ष थे. वे अपने को धर्मनिरपेक्ष मुस्लिम बताते हैं.

इस्लामी कट्टरपंथ के प्रसार के बाद जर्मनी सहित यूरोपीय देशों में मुंह और सिर ढ़कने की बहस तेज हो गई. बुर्का और नकाब के विरोधी इसे महिलाओं का दमन करने वाला बताते हैं और यह कहते आए हैं कि छोटी उम्र में ही लड़कियों को चेहरा ढंकने के लिए मजबूर करना उनके अधिकारों के खिलाफ है. चांसलर अंगेला मैर्केल की सीडीयू पार्टी के कुछ नेता तो देश भर में इस तरह का बैन लगाने की मांग करते आए हैं. लेकिन अब तक ऐसा कानून नहीं बन पाया है क्योंकि बहुत से लोगों का मानना है कि इससे देश के मुसलमान हाशिए पर पहुंच जाएंगे. उनका कहना है कि पाबंदी लगाने पर बुर्के और नकाब का इस्तेमाल करने वाली महिलाएं अपने घरों में बंद हो जाएंगी और अधिक दमन का शिकार होंगी.

कुछ महीने पहले हैम्बर्ग का एक मामला सामना आया था जहां एक स्कूल ने एक बच्ची को बुर्का पहनने से मना किया था. इसके खिलाफ उसने अदालत में अपील की और अदालत ने स्कूल के आदेश को गलत बताया. अदालत ने कहा कि ऐसा तब ही मुमकिन है जब राज्य सरकार स्कूलों को लेकर कोई कानून बनाए. इसके बाद हैम्बर्ग में बुर्के की पाबंदी के कानून पर बहस छिड़ गई है. जर्मनी के पड़ोसी देशों फ्रांस, नीदरलैंड्स, डेनमार्क और ऑस्ट्रिया में बुर्के पर पूरी तरह पाबंदी है. लेकिन जर्मनी में इसे लोकतांत्रिक अधिकार के रूप में देखा जाता है. 2019 में हुए एक सर्वे के अनुसार देश में 54 फीसदी लोग बुर्के और नकाब पर प्रतिबंध लगाने के हक में हैं.

आईबी/एमजे (डीपीए)

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