जर्मनी आ रहे हैं दो मेहमान पांडा, तैयारियां जोरों पर
१३ जून २०१७मेंग-मेंग और चियो छिंग नाम के ये पांडा 24 जून को लुफ्तांसा के विशेष कार्गो विमान से बर्लिन पहुंचेंगे. मेंग मेंग का चीनी भाषा में अर्थ होता है ड्रीम यानी सपना, वहीं चियो छिंग का मतलब होता है प्यारा. इन दोनों पांडाओं के साथ चीन के दो पशु चिकित्सक भी होंगे.
12 घंटे से ज्यादा लंबी हवाई यात्रा के दौरान उन्हें बांस के पत्ते और टहनियां खाने को दी जायेंगी. उनके ट्रांसपोर्ट बॉक्स में बिना गंध की मैट बिछाई जायेगी और उसे पूरी तरह सूखा रखा जायेगा.
बर्लिन के चिड़ियाघर में इन दोनों पांडाओं के रहने का इंतजाम किया जा चुका है. उनके लिए 10,700 वर्ग फीट का बाड़ा तैयार किया गया है. दोनों पांडा 15 साल तक जर्मनी में रहेंगे. बर्लिन के चिड़ियाघर ने इसके लिए एक कॉन्ट्रैक्ट किया है. एक साल में चिड़ियाघर इन पांडाओं पर लगभग 6 करोड़ रुपये खर्च करेगा. इस खर्च का ज्यादातर हिस्सा प्रजनन अनुसंधान कार्यक्रम में इस्तेमाल होगा.
चीन दूसरे देशों में पांडा भेजता रहा है जिसे अकसर पांडा डिप्लोमेसी का नाम दिया जाता है. चीन ने 1972 में पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की चीन यात्रा के अवसर पर वॉशिंगटन जू के लिए दो पांडा भेंट किए थे.
एसएस/एके (एएफपी)