जज असहमत, विधायकों का केस दूसरी बेंच में
१८ अक्टूबर २०१०पांच निर्दलीय और 11 बीजेपी विधायकों ने विधान सभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्य करार दिए जाने के खिलाफ अपील की है. 11 बीजेपी विधायकों को अयोग्य ठहराने पर मुख्य न्यायाधीश खेहर सिंह ने विधान सभा के अध्यक्ष के फैसले को सही ठहराया जबकि जस्टिस एन कुमार ने उसे खारिज कर दिया. 5 निर्दलीय विधायकों की अपील पर दो जजों की बेंच इस बात पर सहमत रही कि मामने की सुनवाई किसी दूसरी बेंच में होनी चाहिए.
अदालत ने पिछले सप्ताह कहा कि बीएस येदियुरप्पा की सरकार द्वारा 14 अक्टूबर को लिया गया विश्वास मत अपील पर होने वाले फैसले पर निर्भर करेगा. येदियुरप्पा की सरकार ने 14 अक्टूबर को दूसरा विश्वास मत जीत लिया था.
अदालत ने विधान सभा के अध्यक्ष केजी बौपैय्या द्वारा दलबदल कानून के तहत अयोग्य करार दिए गए 11 भाजपा विधायकों की अपील पर फैसला रिजर्व कर लिया था लेकिन सभी 16 विधायकों के मामले पर अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया था.
पांच निर्दलीय विधायकों ने अपनी अपील में कहा है कि उन्हें दलबदल कानून के तहत अयोग्य नहीं करारा जा सकता है क्योंकि उन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव जीता है. इस अपील पर आज सुनवाई जारी रहेगी.
निर्दलीय विधायकों ने अपनी मुख्य अर्जी में एक गलती सुधारने का आवेदन दाखिल किया है. बीजेपी द्वारा इसका विरोध किए जाने पर अदालत ने उसे आपत्तियां दर्ज कराने को कहा है. आपत्तियां दर्ज करा दिए जाने के बाद हाई कोर्ट मामले की सुनवाई शुरू करेगा.
इस बीच हाई कोर्ट के फैसले की संभावना को देखते हुए दोनों ही धड़े अपनी भावी रणनीति पर विचार करने के लिए बैठक कर रहे हैं. 16 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के बाद येदियुरप्पा की सरकार को बहुमत है लेकिन अगर हाई कोर्ट का पैसला उनके पक्ष में होता है तो सरकार को फिर से विधान सभा में विश्वास मत लेना होगा.
हाई कोर्ट का फैसला जो हो, दोनों ही पक्ष उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं. यदि हाई कोर्ट विधायकों को अयोग्य करार देने के फैसले को रद्द कर देता है तो विपक्षी दल इन विधायकों के साथ राज्यपाल एचआर भारद्वाज से मिलेंगे और सरकार को बर्खास्त करने की मांग करेंगे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: आभा एम