जख्म शरीर में नहीं, मन में हैं
रोमानिया के फोटोग्राफर तिबेरिऊ कापुदेआन ने 200 से ज्यादा पुरुषों की निर्वस्त्र ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरें लीं. देखिये बचपन से ही कैसे पुरुष भी शारीरिक और मानसिक हिंसा का शिकार होते हैं.
डी- आईटी मैनेजर (बेल्जियाई)
"जब मैं अपने माता पिता के साथ घर पर रहता था तो मैं स्थानीय बेकरी में नाइट शिफ्ट करता था. एक दिन तड़के मैं घर लौटा और सो गया. तभी मेरी मां चीखते हुए मेरे पास आई और बोली, 'तुमने किसे बताया कि तुम ऐसे हो?' असल में किसी ने मेरी कार पर होमो लिख दिया था."
वाई- दर्जी (फ्रेंच)
"मैं अपने माता पिता को अपनी सेक्सुअलिटी के बारे में नहीं बता सका. मैंने मेडिसिन की पढ़ाई की. ग्रैजुएशन के बाद एक पुरुष से प्यार करने लगा. मेरे परिवार को लगा कि हम बहुत अच्छे दोस्त हैं. दुर्भाग्य से 16 साल बाद उसकी मौत हो गई. मैं खुश हूं कि इन दिनों फ्रांस में पुरुष पुरुष से शादी कर सकते हैं. मुझे लगता है कि ऐसा बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था."
जे- दुकान में कर्मचारी (स्पैनिश)
"मैं स्पेन के एक गांव में पला बढ़ा. स्कूल में मुझे काफी परेशान किया गया. जब मैं 13 साल का था तो एक लड़का मेरे पास आया और उसने मुझसे कहा कि तुम घिनौने हो. फिर उसने मुझ पर चॉकलेट मिल्क की बोतल उड़ेल दी. मैं सदमे में वहीं खड़ा रहा, पूरी तरह भीगा हुआ. मेरे चारों तरफ जो बच्चे थे वो मुझ पर हंसते रहे, जैसे मैं कोई राक्षस हूं."
ए- फैशन डिजायनर (स्पैनिश)
"मैं अदृश्य नहीं हूं. लेकिन मैं एक माचो वाले माहौल में रहता हूं. कोई व्यक्तिगत रूप से मुझ पर ताना नहीं मारता, लेकिन मैं महसूस कर सकता हूं कि अगर कोई युवा समलैंगिक काम कर रहा हो तो लोगों की प्रतिक्रिया कैसी होती है. मर्दाना होने का क्या मतलब है? क्या हम सबको युवा और ताकतवर होना ही चाहिए? क्या हम इच्छाओं के बाड़े में कैद हैं?"
डी- एक्टर, डायरेक्टर (रोमानियाई)
"मैं सुपरमार्केट में अपने बॉयफ्रेंड के साथ था. हम सिनेमा जा रहे थे, हमने दो बोतल पानी खरीदा, कुछ स्नैक्स और चॉकलेट खरीदे. जब हम पैसे देने के लिए लाइन पर लगे थे तो पीछे से एक आवाज आई, गे, गे. वो और भी बहुत कुछ कह रहे थे. मैं शांत रहा क्योंकि अक्सर ऐसे मौकों पर बहस करने से देर सबेर हिंसा हो जाती है."
डी- सेल्स मैनेजर (इतालवी)
"मैं हमेशा से मोटा था. 14 साल की उम्र में शरीर में बहुत ज्यादा बाल भी आ चुके थे. स्कूल में बच्चे मेरा अक्सर मजाक उड़ाते थे. 30 साल की उम्र में मैंने इटली छोड़ दिया और फ्रांस आ गया. एक दिन मैंने वैक्स करके अपने पूरे शरीर से बाल हटा दिए. उसके बाद मैं बहुत दुखी हो गया. आज मैं जैसा भी हूं, उसी रूप में खुद को स्वीकार करता हूं. मैं अपने शरीर से खुश हूं."
एस- इलेस्ट्रेटर (स्पैनिश)
"एक रात मैं पार्क में अपने एक दोस्त से बात कर रहा था, तभी हुड पहने हुए सात लड़कों ने हमें घेर लिया और पीटना शुरू कर दिया. वो हम समलैंगिक कह रहे थे. हम भी लड़ने लगे लेकिन तभी एक लड़के ने मेरी पीठ पर दो बार छुरा घोंप दिया."
एस- एक्टर (फ्रेंच)
"पूर्वी यूरोप में मैं एक बहुत ही बुजुर्ग महिला के घर में रह रहा था. वह इलाका गरीब था. उसने अपने पोते को मुझसे मुलाकात के लिए बुलाया. हमने वोदका पी, बहुत सारी वोदका, सीधे बोतल से. वह परिवार क्या होता है और कैसा होना चाहिए, इस पर ज्ञान देने लगा. उसने कहा कि "सारे समलैंगिकों को मर जाना चाहिए, तुम इस बारे में क्या सोचते हो?"
सी- शॉप सुपरवाइजर (स्पैनिश)
"मैं अपनी बहनों, मां और आंटी के साथ '50 शेड्स ऑफ ग्रे' फिल्म देखने गया. जब फिल्म खत्म हुई तो 20 से 25 साल की दो लड़कियों ने मुझे समलैंगिंक कहकर चिढ़ाया. मुझे नहीं पता था कि 2018 में भी लोग ऐसा करते हैं, खासतौर पर युवा. मेरी छोटी बहन से उन्हें फटकार लगाई. एक युवा जोड़े ने भी उन्हें डांटा और पुलिस शिकायत की चेतावनी दी. दोनों लड़कियां भाग गईं."
तिबेरिऊ कापुदेआन- फोटोग्राफर और एलजीबीटी एक्टिविस्ट
"इन तस्वीरों में पुरुषों की नग्नता कोई विषय नहीं है. मेरा मकसद इनके जरिए शरीर के आकार, उम्र, नस्ल और सेक्सुअल रुझान को लेकर दुनिया में मौजूद विविधता को सामने लाना है."