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छूटे सिरे को पकड़ने की कोशिश करेंगे भारत पाक

५ फ़रवरी २०११

मुंबई आतंकी हमलों ने भारत और पाकिस्तान के बीच बुनी जा रही शांति प्रक्रिया को तार तार कर दिया था. अब दोनों देश फिर से उन छूटे सिरों को तलाशने की कोशिश कर रहे हैं ताकि शांतिपूर्ण रिश्ते बुने जा सकें.

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निरुपमा राव और सलमान बशीरतस्वीर: AP

पाकिस्तान ने कहा है कि भारत के साथ होने वाली विदेश सचिव स्तर की बातचीत में वह खुले दिमाग के साथ हिस्सा लेगा. उसे उम्मीद है कि एक सकारात्मक सोच के साथ बंद पड़ी शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जा सकेगा.

Außenminister von Indien und Pakistan Somanahalli Mallaiah Krishna und Shah Mehmood Qureshi
मार्च में हो सकती है विदेश मंत्रियों की मुलाकाततस्वीर: AP

भूटान में होने वाले सार्क सम्मेलन के दौरान भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों के मिलने का कार्यक्रम है. इस मुलाकात के बारे में बात करते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने कहा, "हम खुले दिमाग के साथ थिंपू जा रहे हैं. हम उम्मीद करते हैं कि भारत भी मुलाकात में रचनात्मक सोच के साथ आएगा ताकि बातचीत की एक व्यापक, अनवरत और नतीजे तक पहुंचाने वाली प्रक्रिया शुरू हो सके."

बासित ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा भारत के साथ अच्छे पड़ोसी संबंध बनाने की कोशिश करता रहा है, लेकिन इसके लिए अधूरे पड़े मुद्दों को सुलझाना जरूरी है. उन्होंने कहा, "दोनों देशों के बीच लटके पड़े मामलों को बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है. इसमें जम्मू कश्मीर विवाद भी शामिल है."

भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिव थिंपू में 6 या 7 फरवरी को मिल सकते हैं. यह मुलाकात मार्च में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की भारत यात्रा के लिए रास्ता तैयार कर सकती है. इस मुलाकात में भारत की तरफ से हिस्सा लेने वाली निरुपमा राव ने शुक्रवार को भारत के गृह मंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात की. 20 मिनट तक चली इस मुलाकात के बाद राव ने कहा कि मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में न्याय होना ही चाहिए और उम्मीद है भारत और पाकिस्तान इसके लिए एकमत हो सकेंगे.

राव ने कहा कि 26/11 का मुकदमा दोनों देशों के बीच बातचीत का मुख्य विषय है और दोनों देशों के गृह मंत्रालय इसके लिए एक दूसरे के संपर्क में हैं.

पाकिस्तानी विदेश सचिव सलमान बशीर के साथ होने वाली अपनी मुलाकात के बारे में उन्होंने कहा, "हम एक लंबे अंतराल के बाद मिल रहे हैं. पिछली बैठक को कुछ महीने गुजर चुके हैं. इसलिए हमें देखना होगा कि कैसे छूटे सिरे को एक बार फिर से पकड़ा जा सकता है. हम एक दूसरे तक अपनी बात पहुंचाएंगे. ऐसी हर बैठक एक दूसरे की स्थिति को समझने की कोशिश होती है."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः महेश झा

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